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Apple Vision Pro: अब वास्तविकता और वर्चुअल दुनिया का मिलन

लंदन की सड़कों पर मशीनी कुत्ते के साथ चहलकदमी…ऐसे विडियो किसी को भी अचंभे में डाल सकते हैं। लेकिन ऐसे अचंभे को आसान बनाया है ऐपल के Vision Pro ने, जो आंखों पहनने वाला मिक्स्ड रिऐलिटी हेडसेट है। यह यूजर के सामने असल दुनिया को वर्चुअल यानी आभासी दुनिया के साथ मिक्स करके पेश करता है। मान लीजिए आपने हेडसेट लगाया तो ऑन करते ही आप खुद को स्क्रीन में दिख रही चीजों के साथ जोड़ पाएंगे। ड्राइंग रूम में बैठे-बैठे आप पैरिस में शॉपिंग का मजा ले सकते हैं। साधारण भाषा में कहें तो आपको आसपास के सारे स्पेस में 3D एक्सपीरियंस होता है। विजन प्रो यूजर को डिजिटल कंटेंट के साथ इस तरह बातचीत की सुविधा देता है, जिससे ऐसा महसूस होता है कि यूजर फिजिकली उस स्थान पर मौजूद है।

इसमें 600 खास तरह के डिजाइन ऐप के साथ मल्टी टच इंटरफेस भी दिया गया है। इन्हें आप बिना किसी बड़ी स्क्रीन के हवा में ही एक्सेस कर सकते हैं। यानी विडियो देखने, प्रेजेंटेशन बनाने, और इंटरनेट ब्राउज करने जैसे काम बिल्कुल वैसे ही हवा में कर सकेंगे, जैसे आयरन मैन फिल्म में ‘टोनी स्टार्क’ हवा में ही कई स्क्रीन को एक्सेस करते हैं। विजन प्रो की स्क्रीन टीवी से भी बेहतर है। आप आंखें ब्लिंक करके भी ऐप का काम कर सकते हैं। मान लीजिए कोई फिल्म देख रहे हैं तो लगेगा कि आप थिएटर में बैठे हैं। हार्डवेयर की बात करें तो इसमें 12 कैमरे, 5 अलग-अलग सेंसर, 6 माइक्रोफोन लगे हैं।

  इसकी स्क्रीन इतनी शानदार है, जो 2.30 करोड़ पिक्सल जैसा अनुभव देती है। इसके साथ मिलने वाले बैटरी पैक से 2 घंटे का बैकअप मिलता है। हालांकि ऐपल इसे वर्चुअल रियलिटी कहने से बचता है और इसे ‘स्पेशल कंप्यूटिंग’ में पहला कदम बताता है।वैसे ऐपल इस रेस में अकेला नहीं है। गूगल का प्रोजेक्ट स्टारलाइन और मेटा का Quest कड़ी टक्कर देने वाले हैं। अभी भारत में यह नहीं आया है। अमेरिका में भी इसकी कीमत 3 लाख रुपये के करीब है।


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