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मेरा गांव मेरा धरोहर सर्वे के तहत बेमेतरा की सांस्कृतिक धरोहर होगी मोबाइल में कैद | ऑनलाइन बुलेटिन

बेमेतरा | [छत्तीसगढ़ बुलेटिन] | मेरा गाँव-मेरा धरोहर सर्वे के तहत गाँव के संस्कृति धरोहर की सूचना को मोबाइल में कैद किया जायेगा, जिससे अपनी गाँव अपनी माटी अपनी धरोहर से जुड़ सकेंगे लोग। इसके लिए भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय और सीएससी ई-गवर्नेंस के मध्य में अनुबंध किया जा चुका है। जिले में योजना का परीक्षण भी किया जा चुका है। इस अवसर पर ई-जिला प्रबंधक महेंद्र वर्मा, जिला प्रबंधक दयानंद साहू, दीपेश सिंह परिहार, ईडीटीएम जागेश वर्मा, और 120 से अधिक वी.एल.इ उपस्थित थे।

 

पायलेट सर्वे के दौरान जिले के कुछ पंचायतों में सीएससी कर्मियों द्वारा सर्वे का कार्य किया जा चुका है। इसके लिए सीएससी जिला प्रबंधक दीपेश सिंह परिहार जिला प्रबंधक दयानंद साहू ने बतया कि बेमेतरा भी गांव की सांस्कृतिक सूचना मोबाइल ऐप के जरीये कॉमन सर्विस सेंटर संचालको द्वार सर्वे किया जाना है। जिसके लिए ग्राम स्तर पर सीएससी संचालकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसको मेरा गांव-मेरी धरोहर नाम दिया गया है।

 

इस योजना के तहत जिले के सभी ग्रामों के सीएससी संचालकों को ट्रेनिंग करायी जा रही है। सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत सीएससी कॉमन सर्विस सेंटर और केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार के साझा सहयोग से पहली बार यह कार्य किया जा रहा है।

 

उन्होंने बताया कि सांस्कृतिक धरोहर मेरा गांव मेरी धरोहर संस्कृतिक शब्द से सीधा मतलब है कि कोई ऐसी चीज, जिसमे कुछ विशेष हो या वह पुरानी हो, सरकार ऐसी सभी चीजो को इक्कठा कर इन चीजों के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहती है।

 

इसमें गांव के नागरिकों के सहयोग से गांव, ब्लाक, जिले को विशेष बनाती है। इससे संबन्धित फोटो, वीडियो और उसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी भी अपलोड किये जाएंगे। उसको मोबाइल ऐप के माध्यम से दर्ज किया जाना है। कल्चर सर्वे का प्रशिक्षण कलेक्टोरेट के दिशासभा कक्ष में संपन्न हुआ।

 

 

 

©नवागढ़ मारो से धर्मेंद्र गायकवाड़ की रपट


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