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बेमेतरा : आरटीएलआई की रिजनल डायरेक्टर कुष्ठ अभियान का जायजा लेने पहुंची | newsforum

बेमेतरा | राष्ट्रीय कुष्ठ उन्नमूलन कार्यक्रम-2021 के तहत कुष्ठ मुक्त अभियान का जायजा लेने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की क्षेत्रीय कुष्ठ प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आरएलटीआरआई) रायपुर की टीम पहुंची। आरएलटीआरआई रायपुर की टीम में शामिल रिजनल डायरेक्टर डॉ. लीना बंदोपाध्याय व डॉ.एसए शरीफ ने जिला अस्पताल बेमेतरा और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नवागढ़ में ओपीडी में कुष्ठ के मरीजों को मिलने वाली जांच व दवाईयों की सुविधाओं का जायजा लिया। रिजनल डायरेक्टर बंदोपाध्याय ने जिला कुष्ठ अधिकारी को कुष्ठ मुक्त जिला बनाने के लिए फिल्ड स्तर पर जांच को नियमित व सघन रुप से जारी रखने के निर्देश भी दिए।

 

सीएमएचओ डॉ. एसके शर्मा ने बताया, कुष्ठ मुक्त जिला बनाने के लिए 719 ग्रामों में 1,816 सदस्यों की 912 टीमें 1.82 लाख परिवारों के सदस्यों की जांच करेंगी। जिले के सभी चारों ब्लॉकों में जारी कुष्ठ खोज अभियान में 15 जनवरी से 11 फरवरी तक कुष्ठ के 9 नए मरीज मिले हैं। इन नए मरीजों को दल के द्वारा कुष्ठ की दवा खिलाई गई।

 

 

इस बार कुष्ठ मुक्त गांव, ब्लॉक एवं  जिला बनाने को सालभर स्वास्थ्य विभाग के फ्रंटलाइन वर्करों मितानिन व ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों द्वारा जांच व खोज अभियान जारी रखा जाएगा। कुष्ठ मरीजों की जांच के लिए जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य व उपस्वास्थ्य केंद्र सहित 127 अस्पतालों में नियमित जांच की जा रही है।

 

मेरा ग्राम कुष्ठ मुक्त ग्राम” की परिकल्पना को आधार बनाकर कुष्ठ खोजी दल जिले के 1.42 लाख घरों में पहुंच कर सर्वे कर रहे हैं। प्रत्येक गांव में प्रति 1,000 की जनसंख्या में एक टीम के दो सदस्य परिवार के प्रत्येक सदस्यों से मिलकर शरीर में दाग-धब्बों सहित चर्म रोगों की जांच कर रहे हैं।

 

जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. दीपक मिरे ने बताया, “कुष्ठ के नए रोगियों की खोज के लिए बेमेतरा ब्लॉक में 247 खोजी दल को एनएमए एलपी सिंहा, जीके वर्मा, आरके गनबेर, जेएम सिंह द्वारा ट्रेनिंग दी गई है। इसी तरह बेरला ब्लॉक में 215 एनएमए एसके शर्मा, एसपी साहू, साजा ब्लॉक में 224 दल को एनएमए एचके रात्रे, बीएल साहू और नवागढ ब्लॉक में 226 दल को एनएमए यूआर ध्रुव, आरके साहू द्वारा ट्रेनिंग दी गई है।

 

नॉन मेडिकल अस्सिटेंट (एनएमए) द्वारा खोजी दल के सदस्यों मितानिनों व ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों को कुष्ठ के रोगियों की पहचान कर दवाईयों का सेवन को लेकर जानकारियां दी गई है। महिलाओं की प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए कुष्ठ निदान उन्मूलन के इस कार्यक्रम में मितानिनों को लगाया गया है। मिनानिनों द्वारा गृहभ्रमण कर एक कार्ड प्रदान किया जाएगा। कार्ड में कुष्ठ रोग के लक्षण व पहचान के बारे में जानकारियां रहेंगी। इनकी मॉनिटरिंग के लिए 182 सुपरवाइजरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

 

©नवागढ़ मारो से धर्मेंद्र गायकवाड़ की रपट       


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