.

भारत की समृद्ध लोक नृत्य-संगीत की परम्परा का नायाब उदाहरण महाराष्ट्र का सोंगी मुखौटे नृत्य, हाथ में छोटी डंडियाँ लेकर किया जाता सोंगी मुखौटा नृत्य | ऑनलाइन बुलेटिन

रायपुर | [धर्मेंद्र गायकवाड़] | महाराष्ट्र का सोंगी मुखौटे नृत्य भारत की समृद्ध लोक नृत्य-संगीत की परम्परा का नायाब उदाहरण है। यह मुखौटा नृत्य चौत्र मास की पूर्णिमा पर देवी की पूजा के साथ महाराष्ट्र में किया जाता है।

 

असत्य पर सत्य की विजय के इस नृत्य में दो कलाकार नरसिंह रूप धारण कर नृत्य करते हैं। महाराष्ट्र में होली के बाद यह उत्सव मनाया जाता है।

 

इस उत्सव में पारम्परिक व्रत एवं पूजा के बाद बलि देने का रिवाज भी शामिल है। सोंगी मुखौटा नृत्य हाथ में छोटी डंडियाँ लेकर किया जाता है। नर्तक काल भैरव और बेताल के भी मुखौटे पहन कर नृत्य करते हैं।

 

यह नृत्य असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। ढोल, पावरी तथा संबल वाद्य इस नृत्य में प्रमुख रूप में उपयोग किए जाते हैं। पावरी वादक हरे रंग का चोंगा पहनते हैं तथा सिर पर मोर के पंख बांधते हैं।

 

ये भी पढ़ें :

बिना वाद्य यंत्र का लोक नृत्य माकू हिमीशी, रोमन विजेताओं की तरह टोप पहने नागा लोककलाकारों ने दी प्रस्तुति | ऑनलाइन बुलेटिन

 

मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह ने कहा- अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वननिवासियों को मिले उनका हक | newsforum
READ

Related Articles

Back to top button