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bagless school : बच्चों को किताबी ज्ञान के अलावा उन्हें व्यावहारिक, व्यवसायिक, विभिन्न कला- संस्कृति का ज्ञान भी देना अति आवश्यक – शिक्षक कलेश्वर साहू | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

bagless school : बिल्हा | [छत्तीसगढ़ बुलेटिन] | Apart from bookish knowledge, it is very important to give children practical, professional, knowledge of various arts and culture – Teacher Kaleshwar Sahu.

 

शासन के निर्देश अनुसार शनिवार को बस्ता विहीन शाला लग रहे हैं। इसी कड़ी में जनपद प्राथमिक शाला बिल्हा में पदस्थ सहायक शिक्षक कलेश्वर साहू का कहना है कि बच्चों को किताबी ज्ञान के अलावा उन्हें व्यावहारिक, व्यवसायिक, विभिन्न कला- संस्कृति का ज्ञान भी देना अति आवश्यक है। प्राथमिक स्तर में बच्चों में खेल- खेल के माध्यम से विभिन्न कौशलों का विकास किया जा सकता है। साथ ही विभिन्न कलाओं का ज्ञान विकसित कर उन्हें पूर्व व्यवसायिक ज्ञान दिए जा सकते हैं। (bagless school)

 

शिक्षक कलेश्वर साहू बच्चे को स्वरचित व संकलित कविताओ के माध्यम से गतिविधि करा कर ज्ञान देने के अलावा उन्हें रंगोली, ड्राइंग व अनुपयोगी (कबाड़ में जुगाड़) पेपर आदि से ट्रे,कप, मग,गिलास, कटोरी आदि बनाना सिखाते हैं। साथ ही कलेश्वर साहू द्वारा हमारी संस्कृति, हमारी पहचान को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ की संस्कृति को संजोने की एक प्रयास में बांस से बनी विभिन्न वस्तुओं का शाला में संग्रहण किए गए हैं जिसे बच्चों द्वारा सजाकर आकर्षण बनाया गया है। यह सामग्री छोटे-छोटे रूप में है जिसे बच्चे खिलौना के रूप में खेल सकते हैं जैसे- सुपा, सुपेली, बिजना, पर्रा-पर्री, टोकनी आदि। (bagless school)

 

 

Bagless school

 

इस शनिवार कलेश्वर साहू द्वारा शाला के बच्चों को पलाश (परसा) के पत्ते से पतरी-दोना बनाना सिखाया तथा बाजार में बेचे जा रहे हैं प्लास्टिक के वस्तुओं का दुष्प्रभाव, हानि आदि से भी अवगत कराए गए। पलाश के पतरी- दोना बनाकर कार्यक्रम के परिकल्पना व संचालन कर रहे शिक्षक कलेश्वर साहू व साधराम मरकाम प्रधान पाठक , पुनीराम साहू के संरक्षण पतरी-दोना को बिल्हा के बाजार में जाकर बेचना सिखाया गया।

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इससे बच्चों को क्रेता-विक्रेता, क्रय-विक्रय, लाभ-हानि, मुद्रा आदि का वास्तविक, व्यावहारिक और व्यवसायिक ज्ञान प्राप्त हुआ तथा आज बच्चों द्वारा बनाए पतरी-दोना के क्रय से प्राप्त मुद्रा को बच्चे शाला के बचत बैंक में जमा किए इससे बच्चों में मुद्रा संचय की आदत भी होगी। बस्ता विहीन कक्षा के दिन जनपद प्राथमिक शाला बिल्हा के बच्चों में नित नए करने व सीखने का भारी उत्साह देखें जाते हैं। (bagless school)

 

कलेश्वर साहू द्वारा शाला में किए जा रहे विभिन्न गतिविधियों व कार्यक्रम को देवीप्रसाद चंद्राकर विकास खंड स्त्रोत समन्वयक बिल्हा, श्रीमती श्यामला कंवर संकुल प्रभारी (प्राचार्य) कन्या बिल्हा, केशव वर्मा शैक्षिक समन्वयक कन्या बिल्हा, साधराम मरकाम प्रधान पाठक, अनिता कौशिक, केदार दुबे वरिष्ठ साहित्यकर, पुनीराम साहू, शशिकांत कौशिक, श्रीमती श्वेता केसरी, श्रीमती नीलम सूर्यवंशी, श्रीमती पुष्पा महेश्वरी सभी शिक्षक, संकुल परिवार, पालकगण एवम् जन समुदाय का सहयोग मिल रहा है तथा शिक्षा विभाग द्वारा कलेश्वर साहू के कार्यों की सराहना की जा रही है।

 

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