प्यारा भारत महान लिखूँ | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

©तिलक तनौदी ‘स्वच्छंद’
मान लिखूँ सम्मान लिखूँ मैं
देश का गौरव गान लिखूँ।
लेखनी जब भी हाथ रखूँ मैं,
प्यारा भारत महान लिखूँ॥१
केशरिया से शौर्य लिखूँ मैं,
सच्चाई स्वेत का मान लिखूँ।
हरा से हरी भरी धारा लिखूँ मैं,
नीला अशोक गतिमान लिखूँ।
स्तंभ से अडिग भाव लिखूँ मैं,
तिरंगे का स्वाभिमान लिखूँ ।
लेखनी जब भी हाथ रखूँ मैं,
प्यारा भारत महान लिखूँ॥२॥
कमल सा सुंदर देश लिखूँ मैं,
सिंह सा भारी बलवान लिखूँ॥
मोर सा चित्त प्रसन्न लिखूँ मैं,
जन गण मन का गान लिखूँ।
पर्वत माला मुकुट लिखूँ मैं,
भारत का विधि विधान लिखूँ।
लेखनी जब भी हाथ रखूँ मैं,
प्यारा भारत महान लिखूँ॥३॥
लोकतंत्र की राह लिखूँ मैं,
आज भारत की शान लिखूँ।
स्वर्णिम भारत की चाह लिखूँ मैं,
विश्व वृहद संविधान लिखूँ।
जन-जन का अधिकार लिखूँ मैं,
बाबा साहब बड़े सुजान लिखूँ।
लेखनी जब भी हाथ रखूँ मैं,
प्यारा भारत महान लिखूँ॥४॥