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9 मार्च को आएगा छत्तीसगढ़ का बजट, CM भूपेश सदन में पेश करेंगे, 7 से 25 मार्च तक चलेगा विधानसभा सत्र | ऑनलाइन बुलेटिन

रायपुर | [छत्तीसगढ़ बुलेटिन] | छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पत्रकारवार्ता ने बताया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 7 मार्च से प्रारंभ होकर 25 मार्च तक संचालित किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस बीच कुल 13 बैठकें आयोजित की जाएंगी। बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण होगा, जिसके बाद दूसरे दिन अभिभाषण पर चर्चा के उपरांत 9 मार्च को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बतौर वित्तमंत्री राज्य का बजट सदन में पेश करेंगे। इधर राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा भी पिछले सप्ताहभर से बजट सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति बनाने में जुटी है।

 

छत्तीसगढ़ राज्य का वर्ष-2022 का बजट 9 मार्च को विधानसभा में पेश होगा। 7 मार्च से बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल अनुसुईया उइके के अभिभाषण के साथ होगा। 8 मार्च को अभिभाषण पर परिचर्चा और कृतज्ञता ज्ञापन के बाद बतौर वित्त मंत्री सीएम भूपेश बघेल 9 मार्च को दोपहर 12.30 बजे बजट पेश करेंगे। फिर 10 मार्च से बजट पर चर्चा शुरू होगी। बजट सत्र के काफी हंगामेदार होने की संभावना है।

 

बजट सत्र के लिए 1682 प्रश्न विधायकों ने लगाए

 

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने बताया कि तृतीय अनुपूरक अनुमान के लिए 7 मार्च का समय है, जिसके लिए 1 दिन का समय 8 मार्च रखा गया है। वहीं बजट सत्र के लिए प्रश्नों की संख्या 1682 है, जिसमें 854 तारांकित प्रश्न और 828 अतारांकित प्रश्न हैं। ध्यानाकर्षण की 114 सूचनाएं, स्थगन की 10 सूचनाएं, नियम 139 के अधीन अविलंबनीय लोक महत्व के विषय पर चर्चा के लिए 4 सूचनाएं, अशासकीय संकल्प की 7 सूचनाएं, शून्यकाल की 16 सूचनाएं तथा याचिका की 45 सूचनाएं प्राप्त हुई है।

 

90% प्रश्न ऑनलाइन आए, कटाई से बचेंगे 58 पेड़

 

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने बताया कि कोविड-19 प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए इस बार सभी प्रश्न ऑनलाइन माध्यम से आमंत्रित किए गए थे। उन्होंने बताया कि बजट सत्र के लिए कुल 1682 प्रश्न प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 1499 प्रश्न यानी 90 प्रतिशत ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने ऑनलाइन माध्यम से प्रश्नावली मंगाए जाने के लाभ को बताते हुए कहा कि इससे हर साल 2.2 टन कागज की बचत होगी, जिससे 58 वृक्षों की कटाई भी हर साल बच जाएगी। 1 लाख लीटर पानी की भी बचत होगी। पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा। इस नई पहल का लाभ छत्तीसगढ़ के साथ देश को भी मिलेगा। विधानसभा अध्यक्ष ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि उन्होंने राज्यसभा में जाने की सिर्फ इच्छा जताई है। उन्होंने दावेदारी नहीं की है।


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