सीआरसी-लखनऊ ने सेंस इंटरनेशनल के साथ आयोजित किया समुदाय सशक्तीकरण कार्यक्रम | Newsforum
लखनऊ | समेकित क्षेत्रीय कौशल विकास, पुनर्वास एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्र, लखनऊ, (दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार) एवं सेंस इंटरनेशनल इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में 27 जून, 2021 को विश्व प्रख्यात बधिरान्ध महिला हेलेन केलर के जन्मदिवस पर “अंतर्राष्ट्रीय बधिरान्ध दिवस” का आयोजन किया गया। आयोजन का विषय “बिल्डिंग बैक बेटर टू एम्पोवर पर्सन्स विथ डेफ ब्लाइंडनेस इन इंडिया एमिड ऑन गोइंग पैंडेमिक” रहा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सेंस इंटरनेशनल इंडिया के निदेशक अखिल पॉल ने कोविड-19 के समय बधिरान्ध दिव्यांगजनों की आवश्यकताओं के बारे में बताया साथ ही बताया कि यदि हम दृढ़संकल्पित और समर्पित हों तो किस प्रकार आसानी से वर्तमान परिस्थिति में बधिरान्ध दिव्यांगजनों को प्रशिक्षित कर सकते हैं।
मुख्य अतिथि ने दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु सी आर सी, लखनऊ द्वारा सतत चलाये जा रहे ऑनलाइन कार्यक्रमों की सराहना की। कार्यक्रम संयोजक के रूप में जुड़े रमेश पांडेय, निदेशक, सी.आर.सी, लखनऊ ने अपने उद्बोधन में कहा कि दो प्रमुख ज्ञानेन्द्रियों का हास होने के कारण बधिरान्धता एक गंभीर दिव्यांगता है। ऐसे दिव्यांगजनों का प्रशिक्षण प्रमुख रूप से स्पर्श ज्ञानेन्द्रिय पर निर्भर करता है तथा प्रशिक्षण हेतु बहुत ही कुशाग्र प्रशिक्षकों की आवश्यकता है। कोविड -19 के समय आवश्यकता है कि हम बधिरान्ध दिव्यांगजनों को भी तकनीकी से जोड़कर उनके सशक्तिकरण में आ रही बाधाओं का निराकरण करें।
इस आयोजन में वक्ता के रूप में उपस्थित सेंस इंटरनेशनल इंडिया के सीनियर ट्रेनर (कैपेसिटी बिल्डिंग) रश्मि कांत मिश्रा ने अपने वक्तव्य में विस्तार से बधिरान्ध दिव्यांगजनों के प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु तकनीकों को विस्तारित भाव में बताया। वक्ताओं ने बधिरान्ध दिव्यांगजनों के प्रशिक्षण में अभिभावक एवं विशेष शिक्षकों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि कोविड-19 के समय हम छोटी-छोटी वीडियो के माध्यम से भी हम सभी अपने बधिरान्ध दिव्यांगजनों को प्रशिक्षित कर सकते हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित श्रुति लता सिंह, एडवोकेसी ऑफीसर, सेंस इंटरनेशनल इंडिया जो स्वयं बधिरान्ध हैं उन्होंने दिव्यांगता से जुड़े अपने सभी अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि आज मैं सम्पूर्ण सम्मान के साथ अपना जीवन यापन कर रही हूँ। यदि हमें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो अपनी योग्यताओं के साथ सम्पूर्ण इच्छाशक्ति के साथ आगे बढ़ना होगा।
सीआरसी लखनऊ के असिस्टेंट प्रोफेसर राजीव रंजन ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी विशिष्ट अतितिथियों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम में देश के लगभग 15 राज्यों से आये 250 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया तथा सीआरसी, लखनऊ द्वारा आयोजित प्रशिक्षणात्मक कार्य की भूरि-भूरि प्रशंसा की।