.

Allahabad High court का जातीय रैलियां करने पर राजनीतिक दलों को नोटिस, पूछा- उल्लंघन पर क्‍यों न हो कार्रवाई | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

लखनऊ| [कोर्ट बुलेटिन] | इलाहाबाद हाईकोर्ट: Allahabad High court की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश में जातीय रैलियों पर रोक लगाने की मांग वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त समेत उत्तर प्रदेश के 4 प्रमुख दलों बसपा, भाजपा, कांग्रेस और सपा को नई नोटिसें जारी करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 15 दिसम्बर 2022 को होगी।

 

यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल व न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने स्थानीय अधिवक्ता मोतीलाल यादव द्वारा वर्ष 2013 में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।

 

मामले की 11 नवंबर 2022 को सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि वर्ष 2013 में ही नोटिसें जारी होने के बावजूद चारों प्रमुख राजनीतिक दलों की ओर से कोई पेश नहीं हुआ है। इस पर न्यायालय ने नई नोटिसें जारी करने का आदेश दिया।

 

नोटिस में राजनीतिक दलों को बताना होगा कि राज्‍य में जाति आधारित रैलियों पर हमेशा के लिए पूर्ण प्रतिबंध क्यों नहीं लगा दिया जाना चाहिए। चुनाव आयोग को उल्लंघन के मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करनी चाहिए।

 

याचिका दाखिल करने वाले शख्स ने कहा है कि राजनीतिक दलों की ऐसी गतिविधियों की वजह से कम संख्या वाली जातियां अपने ही देश में दोयम दर्जे की नागरिक बन गई हैं।

 

ये भी पढ़ें:

जबरन धर्मांतरण गंभीर मुद्दा, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को हलफनामा दायर करने के दिए निर्देश | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

 

 


Back to top button