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मौसमी इन्फ्लुएंजा से हड़कंप… H3N2 से देश में इतनी मौत…केंद्र सरकार अलर्ट…एडवायजरी जारी | Seasonal Influenza

नई दिल्ली | [नेशनल बुलेटिन] | The Union Health Ministry is closely monitoring the seasonal influenza situation in various States/UTs through the Integrated Disease Surveillance Program (IDSP) network on real time basis. In addition, the Ministry is closely monitoring and monitoring the morbidity and mortality due to H3N2 subtype of seasonal influenza.

 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय रियल टाइम के आधार पर एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क के माध्यम से विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में मौसमी इन्फ्लुएंजा की स्थिति पर गहरी नजर रख रहा है। इसके अलावा मंत्रालय मौसमी इन्फ्लुएंजा के एच3एन2 सबटाइप के कारण रुग्णता और मृत्यु दर की निगरानी करने के साथ उन पर कड़ी नजर रख रहा है। मौसमी इन्फ्लूएंजा के संबंध में सह-रुग्णता वाले युवा बच्चे और वृद्धजन सबसे अधिक प्रभावित होने वाले संभावित समूह हैं। अब तक कर्नाटक और हरियाणा ने एच3एन2 इन्फ्लूएंजा से एक-एक मृत्यु की पुष्टि की है।(Seasonal Influenza)

Seasonal Influenza

मौसमी इन्फ्लूएंजा एक तीव्र श्वसन (एक्यूट रेस्पिरेटरी) संक्रमण रोग है, जो इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है। यह विश्व के सभी हिस्सों में फैलता है और वैश्विक स्तर पर कुछ महीनों के दौरान इसके मामले बढ़ते हुए देखे गए हैं। भारत में हर साल मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामले दो बार सबसे अधिक दर्ज होते हैं। पहला, जनवरी से मार्च तक और दूसरा, मॉनसून के बाद के मौसम में। मार्च के अंत से मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामलों में कमी आने की उम्मीद है। इसे देखते हुए राज्य निगरानी अधिकारी इस सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

 

प्रयोगशालाओं के देशव्यापी नेटवर्क के माध्यम से रियल टाइम निगरानी

 

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के जरिए स्वास्थ्य केंद्रों के ओपीडी और आईपीडी में आने वाले इन्फ्लुएंजा जैसे रोग (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) के मामलों की लगभग रियल टाइम निगरानी की जाती है। आईडीएसपी-आईएचआईपी (एकीकृत स्वास्थ्य सूचना प्लेटफॉर्म) पर उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार राज्यों द्वारा 9 मार्च 2023 तक एच3एन2 सहित इन्फ्लुएंजा के विभिन्न सबटाइप के कुल 3038 मामलों की पुष्टि की गई है। इसमें जनवरी के 1245, फरवरी के 1307 और मार्च के (9 मार्च तक) 486 मामले शामिल हैं।(Seasonal Influenza)

 

इसके अलावा स्वास्थ्य केंद्रों से प्राप्त आईडीएसपी-आईएचआईपी के आंकड़े इसका संकेत करते हैं कि जनवरी 2023 के दौरान देश में तीव्र श्वसन रोग/इन्फ्लुएंजा जैसे रोग (एआरआई/आईएलआई) के कुल 3,97,814 मामले सामने आए थे, जो फरवरी, 2023 में बढ़कर 436,523 हो गए। मार्च, 2023 के पहले 9 दिनों में यह आंकड़ा 133,412 है।

 

गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के भर्ती मामलों के आंकड़े जनवरी 2023 में 7041, फरवरी 2023 के दौरान 6919 और मार्च, 2023 के पहले नौ दिनों में 1866 हैं। साल 2023 में (28 फरवरी तक) कुल 955 एच1एन1 के मामले सामने आए हैं। एच1एन1 के अधिकांश मामले तमिलनाडु (545), महाराष्ट्र (170), गुजरात (74), केरल (42) और पंजाब (28) से रिपोर्ट किए गए हैं।

 

प्रयोगशालाओं के आईसीएमआर नेटवर्क से प्राप्त इन्फ्लुएंजा के आंकड़े

 

भारत में मानव इन्फ्लूएंजा वायरस और सार्स-सीओवी-2 वायरस का पता लगाने के लिए इन्फ्लुएंजा जैसे रोग (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) की एक एकीकृत निगरानी 28 स्थलों से निर्मित आईएलआई/एसएआरआई निगरानी नेटवर्क के माध्यम से जारी है। इस निगरानी नेटवर्क में 27 डीएचआर-आईसीएमआर के वायरस अनुसंधान व डायग्नोस्टिक प्रयोगशालाएं और आईसीएमआर-राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे में स्थित देश का राष्ट्रीय इन्फ्लुएंजा केंद्र (डब्ल्यूएचओ-एनआईसी) शामिल है। इसके अलावा वैश्विक इन्फ्लुएंजा निगरानी और प्रतिक्रिया प्रणाली (जीआईएसआरएस) के लिए एक डब्ल्यूएचओ सहभागिता केंद्र भी है। साल 2023 के पहले 9 सप्ताह (2 जनवरी से 5 मार्च) की अवधि के दौरान निगरानी नेटवर्क ने एसएआरआई और आईएलआई मामलों में मानव इन्फ्लूएंजा वायरस और (Seasonal Influenza) सार्स-सीओवी-2 संक्रमण की निगरानी की है।

 

मौसमी इन्फ्लुएंजा पर दिशा निर्देश

 

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को रोगियों के वर्गीकरण, उपचार प्रोटोकॉल और वेंटिलेटर प्रबंधन पर दिशानिर्देश प्रदान किए हैं, जो मंत्रालय की वेबसाइट (www.mohfw.nic.in) व एनसीडीसी (ncdc.gov.in) पर भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एच1एन1 मामलों से निपटने वाले स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के टीकाकरण के लिए राज्य सरकारों को सलाह दी है। वहीं, इस संबंध में आईसीएमआर ने भी एडवाइजरी जारी की है।

 

दवाइयां और लॉजिस्टिक्स

 

इसके लिए डब्ल्यूएचओ ने ओसेल्टामिवीर दवा की अनुशंसा की है। यह दवा सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के माध्यम से नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती है। सरकार ने फरवरी 2017 में ओसेल्टामिवीर की व्यापक पहुंच और उपलब्धता के लिए दवा और कॉस्मेटिक अधिनियम की अनुसूची एच1 के तहत इसकी बिक्री की अनुमति दी है। राज्यों के पास पर्याप्त लॉजिस्टिक्स उपलब्ध है। हालांकि, किसी भी आपात स्थिति के उत्पन्न होने पर भारत सरकार संकट से निपटने के लिए राज्यों को सहायता प्रदान करती रही है।

 

इसके अलावा नीति आयोग कल यानी 11 मार्च 2023 को एक अंतर-मंत्रालयी बैठक आयोजित करेगा। इसका उद्देश्य राज्यों में मौसमी इन्फ्लुएंजा स्थिति की समीक्षा करना व बढ़ते मौसमी इन्फ्लुएंजा मामलों के प्रबंधन को लेकर सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों, प्रबंधन दिशानिर्देशों और प्रोटोकॉल के संबंध में उन्हें और अधिक सहायता देने के तरीकों पर चर्चा करना है।Seasonal Influenza

 

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