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सहारा इंडिया के करोड़ों निवेशकों के लिए बड़ी खुशखबरी! 9 महीने में मिल जाएगा पूरा पैसा, जल्दी से तैयार करें ये जरुरी दस्तावेज, यहां देखें पूरी डिटेल | Sahara India Refund List

Sahara India Refund List : नई दिल्ली | [बिजनेस बुलेटिन] | There is great news for crores of investors of Sahara India. The central government has said that 10 crore investors who put money in the group will get refund within 9 months. On the orders of the Supreme Court, the government has made a complete plan to get refunds to those who invest money in co-operative societies of Sahara group. Under this, the amount of 5000 crores deposited in the Sahara-SEBI Refund Account will be transferred to the Central Registrar’s account and then returned to the investors.

 

ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन : सहारा इंडिया के करोड़ो निवेशको के लिए बड़ी खुशखबरी हुई. केंद्र सरकार ने कहा है कि समूह में पैसे लगाने वाले 10 करोड़ निवेशकों को 9 महीने के भीतर रिफंड मिल जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार ने सहारा समूह की को-ऑपरेटिव सोसाइटीज में पैसा लगाने वालों को रिफंड दिलाने का पूरा प्‍लान बना लिया है. इसके तहत सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट में जमा 5000 करोड़ की राशि को सेंट्रल रजिस्‍ट्रार के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा और फिर निवेशकों तक लौटाया जाएगा. (Sahara India Refund List)

 

केंद्रीय सहकारी मंत्रालय ने एक ऑफिशियल बयान में कहा, सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासि‍क फैसले के बाद 10 करोड़ निवेशकों का पैसा लौटाने का रास्‍ता साफ हो चुका है. इन निवेशकों ने सहारा समूह की 4 सहकारी समितियों में पैसा लगाया था. अब सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट में जमा राशि को निवेशकों को लौटाया जाएगा. (Sahara India Refund List)

 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, सहारा समूह की 4 को-ऑपरेटिव सोसाइटी में पैसे लगाने वालों को रिफंड मिलेगा. इसमें सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइ‍टी लिमिटेड, सहारयन यूनिवर्सल मल्‍टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्‍टार्स मल्‍टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड जैसी योजनाएं शामिल हैं. ये सभी योजनाएं मल्‍टी-स्‍टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटीज एक्‍ट 2002 के तहत मार्च 2010 से जनवरी 2014 के बीच पंजीकृत कराई गई हैं. (Sahara India Refund List)

 

क्या है मामला

 

करोड़ों निवेशकों की जीवनभर की गाढ़ी कमाई का पैसा लंबे समय से सहारा ग्रुप की चार कोऑपरेटिव सोसाइटीज में पड़ा है। अपने पैसों को पाने के लिए उन्हें दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा हाउसिंग (Sahara Housing) और सहारा रियल एस्टेट (Sahara Real Estate) को 25,781 करोड़ रुपये डिपॉजिट करने का ऑर्डर दिया था। इन कंपनियों ने मार्च 2008 और अक्टूबर 2009 में करोड़ों निवेशकों से यह राशि जुटाई थी। इन दो कंपनियों ने 15,569 करोड़ रुपये जमा कराए जिस पर 9,410 करोड़ रुपये ब्याज बना है। इस तरह सहारा-सेबी फंड में कुल 24,979 करोड़ रुपये जमा थे। कुछ लोगों के रिफंड के बाद इस अकाउंट में अब भी 23,937 करोड़ रुपये जमा हैं। (Sahara India Refund List)

 

मिनिस्ट्री ऑफ कोऑपरेशन की तरफ से पेश एडिशनल सॉलीसीटर जनरल एश्वर्य भाटी ने पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया था कि चार मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव्स सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी, सहारा यूनिवर्सिल मल्टीपर्पज सोसाइटी, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी ने नौ करोड़ से अधिक निवेशकों से 86,673 करोड़ रुपये इकट्ठा किए थे और इसमें से 62,643 करोड़ रुपये एंबी वैली में निवेश किए थे। दिल्ली हाई कोर्ट के स्पेसिफिक ऑर्डर के बावजूद सहारा ग्रुप कोऑपरेटिव सोसाइटीज ने इस मामले में कोई सहयोग नहीं दिया और निवेशकों के पैसों के रिफंड और दावों के समाधान की प्रक्रिया को खारिज किया है। (Sahara India Refund List)

 

कंपनियों में साठगांठ

 

सहारा ग्रुप की कंपनियों की आपस में साठगांठ थी। उन्होंने निवेशकों से मिले पैसों की लॉन्ड्रिंग की और उसे एक एसेट में लगाया। सहारा की कंपनियों और योजनाओं में देशभर में करोड़ों लोगों ने निवेश किया था। सहारा ने आईपीओ लाने की योजना बनाई थी। सहारा ने जब सेबी से IPO के लिए आवेदन दिया तो सेबी ने उससे DRHP यानी कंपनी का पूरा बायोडेटा मांग लिया। जब सेबी ने इसकी जांच की तो इसमें काफी गड़बड़ियां मिलीं। इसके बाद सेबी का सहारा इंडिया पर शिकंजा कसता चला गया। सहारा पर आरोप लगे कि उसने अपने निवेशकों का पैसा गलत तरीके से इस्तेमाल किया। (Sahara India Refund List)

 

सेबी ने 24 नवंबर, 2010 को सहारा ग्रुप के किसी भी रूप में पब्लिक से पैसा जुटाने पर पाबंदी लगा दी थी। आखिरकार यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और कोर्ट ने सहारा ग्रुप को निवेशकों के पैसे 15 फीसदी सालाना ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया। यह रकम 24,029 करोड़ रुपये थी। साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सहारा समूह की कंपनियों ने सेबी कानूनों का उल्लंघन किया। (Sahara India Refund List)

 

कंपनियों ने कहा कि उन लाखों भारतीयों से पैसे जुटाए गए जो बैंकिंग सुविधाओं का लाभ नहीं उठा सकते थे। सहारा ग्रुप की कंपनियां निवेशकों को भुगतान करने में विफल रहीं, तो अदालत ने रॉय को जेल भेज दिया। वह लगभग दो साल से अधिक का समय जेल में काट चुके हैं। छह मई 2017 से वह पेरोल पर हैं। पहली बार उन्हें परोल मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के नाम पर मिला था, जिसे बाद में तब बढ़ा दिया गया था। (Sahara India Refund List)

 

अब तक रिफंड

 

सरकार की तरफ से संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक सेबी को 81.70 करोड़ रुपये की कुल मूल राशि के लिए 53,642 ओरिजिनल बॉन्ड सर्टिफिकेट/पास बुक से जुड़े 19,644 आवेदन मिले हैं। सेबी ने इनमें से 138.07 करोड़ रुपये की कुल राशि 48,326 ओरिजिनल बॉन्ड सर्टिफिकेट/पासबुक वाले 17,526 एलिजिबल बॉन्डहोल्डर्स को रिफंड किया है। इसमें 70.09 करोड़ रुपये मूलधन और 67.98 करोड़ रुपये का ब्याज शामिल है।

 

बाकी आवेदन बंद कर दिए गए हैं। इसकी वजह यह है कि सहारा की कंपनियों की तरफ से जो दस्तावेज दिए गए थे, उनमें उनका रेकॉर्ड नहीं मिल पाया। साथ ही कई बॉन्डहोल्डर्स ने सेबी के सवालों का जवाब नहीं दिया, इसलिए उनके आवेदन को बंद कर दिया गया। (Sahara India Refund List)

 

 

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