रविशंकर विवि की संपत्ति कुर्की पर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की रोक, 23 जून को अगली सुनवाई, 30 करोड़ देना है मुआवजा | ऑनलाइन बुलेटिन
रायपुर | [कोर्ट बुलेटिन] | प्रदेश के रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की संपत्ति कुर्क करने पर जिला कोर्ट ने रोक लगा दी है। किसानों की जमीन के अधिग्रहण मामले में कोर्ट ने मंगलवार को विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव की गाड़ियां कुर्क की थी। गुरुवार को हुई सुनवाई में विश्वविद्यालय की तरफ से अधिवक्ता राजेश पांडे ने कुर्की की कार्रवाई रोकने और सुनवाई की तारीख बढ़ाने के लिए आवेदन लगाया था। मुआवजे को लेकर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अगली तारीख 23 जून तय की है।
विश्वविद्यालय की कुर्क की गईं गाड़ियां कोर्ट के कब्जे में हैं, चूंकि मामले को लेकर राज्य शासन सुप्रीम कोर्ट गया है। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रबंधन को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है।
दरअसल विवि के आसपास के 140 किसानों की जमीन खरीदी के मुआवजे का मामला जिला न्यायालय में 2005-2006 में दायर किया गया था। 2017 में इस मामले में बढ़ा हुआ मुआवजा 30 करोड़ रुपये वसूली की डिग्री का आदेश जारी हुआ है।
किसानों को मुआवजा देने कोर्ट के आदेश के बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन ने 180 दिन के भीतर मामला निपटाने के लिए कोर्ट से समय मांगा था।
विश्वविद्यालय के पास नहीं है इतनी बड़ी रकम
कोर्ट से बार-बार नोटिस जारी होने के बाद भी विवि प्रबंधन द्वारा जवाब नहीं दिया गया, जिसके बाद अतिरिक्त जिला न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत कुर्की आदेश जारी किया गया था। मंगलवार को टीम ने रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव के सरकारी वाहनों समेत अन्य वाहनों की कुर्की की गई थी।
इस पूरे मामले में विवि प्रबंधन का कहना है कि विश्वविद्यालय के पास इतनी बड़ी रकम नहीं है, जिससे किसानों को दिया जा सके। वहीं रविवि कर्मचारी संघ का कहना है कि कुर्की में कुलपति की गाड़ी ले जाने से विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हुई है।