डॉ. अम्बेडकर व सुदर्शन मंदिर चढ़ी अवैध निर्माण की भेंट, प्रशासन ने तोड़ी, देखें वीडियो | newsforum
लखनऊ { डीके सुदर्शन } | उत्तरप्रदेश के अलमबाग बस अड्डा स्थित संविधान निर्माता व भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर व सुदर्शन मंदिर पर प्रशासन ने बेदखली की कार्रवाई की है। यहां वर्षों से बने सामाजिक मंदिर से लोगों का लंबे समय से जुड़ाव रहा है, जिसे देखते हुए प्रशासन ने कड़े बंदोबस्त किए थे। किसी प्रकार की अप्रिय घटना से बचने के लिए अलमबाग बस अड्डा व आसपास क्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था।
अवैध निर्माण तोड़े जाने के बाद मूर्तियां पूर्व निर्माण के पीछे स्थित नाले के ऊपर चबूतरा बनाकर स्थापित कर दी गईं हैं।

सुदर्शन समुदाय अम्बेडकर चेतना समिति के पदाधिकारी व अधिवक्ता डीके सुदर्शन से मिली जानकारी के अनुसार, लखनऊ अलमबाग बस अड्डा स्थित डॉ. अम्बेडकर व सुदर्शन मंदिर का निर्माण रेल भूमि पर वर्षों पूर्व किया गया था। मंदिर के पीछे वर्ष 2010 में तात्कालीन मुख्यमंत्री सुश्री बहन मायावती ने बस अड्डे का निर्माण करवाया था। समय बीतने व तेजी से बदलती आवश्यकताओं के चलते रेल प्रशासन ने यह भूमि परिवहन निगम को हैंडओवर कर दी। अलमबाग बस अड्डा सहित क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों को देखते हुए भूमि की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। जिसे लेकर सुदर्शन समुदाय अम्बेडकर चेतना समिति के पदाधिकारियों द्वारा लंबे समय से संघर्ष किया जा रहा था।

समय- समय पर जिम्मेदार अधिकारियों से पत्राचार कर मंदिर को बचाने की कवायद की जा रही थी। इसी बीच सुदर्शन समुदाय अम्बेडकर चेतना समिति को पीडब्ल्यूडी ने अवैध कब्जा उन्मूलन संबंधी नोटिस जारी किया। नोटिस के बाद पीडब्ल्यूडी के तोड़ू दस्ते ने नियत दिवस पर अवैध कब्जा निवारण की कार्रवाई की। निर्माण ढहाने के बाद कुछ दूरी पर नाले के ऊपर चबूतरा बनाकर डॉ. अम्बेडकर व सुदर्शन की मूर्ति स्थापित कर दी गई।