छेरछेरा | newsforum
©सरस्वती साहू, (शिक्षिका), बिलासपुर, छत्तीसगढ़
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आज छेरछेरा हे भाई
तेकर जम्मो झन ल बधाई
कोठी के धान निकले हे आज
लैइका सियान ल बांटत हे आज
कोनो अंगना, कोनो चौरा,
कोनो बैइठे गली दुआरी
बांटत हावय मुठा, पसर म
जम्मो झन ल ओसरी पारी
कोन लैइका, कोन सियान
जम्मो बहिनी, सबबो भइया
कोन अमीर कोन गरीब
आज जम्मो बने मंगैइया, देवैइया
छेर छेरा, कोठी के धान ल हेरते हेरा,
हाना पारत जावत हें
अउ छेरछेरा के धान झोंकावत हें
कोनो झोला, कोनो बोरी
कोनो टुकनी धर के लहरावत हें
अउ एकेठन मा एकर, ओकर
कहिके जम्मो के बांटा झोंकावत हें
छोटे, बड़े नई लागे भैइया
घर घर म सब जावत हें
छेरछेरा के ये तिहार घर घर म मनावत हें
छेरछेरा भाई छेरछेरा
कोठी के धान ल हेरते हेरा
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हमर छत्तीसगढ़ के तिहार छेरछेरा के बीकटेच बीकट बधाई अऊ शुभकामना ????
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