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सुप्रीम कोर्ट में तकनीकी दिक्कतों के कारण अनोखा वाकया, जजों ने छात्रा का फोन नंबर डायल कर सुनीं दलीलें | ऑनलाइन बुलेटिन

नई दिल्ली | [कोर्ट बुलेटिन] | न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ (D.Y.Chandrachud) की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट (suprem court) की पीठ ने बुधवार को तकनीकी दिक्कतों के कारण स्पीकर मोड पर सेल फोन के जरिए एक याचिकाकर्ता की दलीलें सुनीं। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ (D.Y.Chandrachud) और न्यायमूर्ति हेमा कोहली (Hema Kohli) की पीठ एक याचिकाकर्ता द्वारा दायर याचिका पर Virtual Mode में सुनवाई की।

 

इस मामले में याचिकाकर्ता ने कहा कि बीमित व्यक्तियों के कोटे के तहत OBC Category में शैक्षणिक वर्ष 2018-2019 के लिए MBBS सीट देने से इनकार किया गया। कर्मचारी राज्य बीमा धारकों के बच्चे यदि पात्र हों तो राष्ट्रीय स्तर पर 437 MBBS सीटों के लिए आवेदन कर सकते हैं।

 

चूंकि याचिकाकर्ता महिला की आवाज साफ नहीं आ रही थी, इसलिए बेंच ने उसका नंबर डायल किया और दलील सुनी।

 

छात्रा को अगले साल NEET परीक्षा में बैठने की दी अनुमति

 

अदालत ने आदेश दिया, चूंकि विचाराधीन वर्ष बीत चुका है, इस स्तर पर याचिका पर विचार करना संभव नहीं होगा। पीठ ने अपने आदेश में दर्ज किया कि याचिकाकर्ता, जो व्यक्तिगत रूप से पेश हुआ, उसने ऑडियो कॉल के माध्यम से अदालत से बातचीत की है।

 

हमने उसे विस्तार से सुना है और याचिकाकर्ता ने जो कहा है उससे पता चलता है कि छात्रा (जो कि उसकी बेटी है) वर्तमान शैक्षणिक वर्ष या पिछले वर्ष के दौरान NEET परीक्षा के लिए उपस्थित नहीं हुई। छात्रा पात्रता शर्तों को पूरा करने पर अगली NEET परीक्षा में बैठ सकेगी।

 

कोविड महामारी की शुरुआत के बाद से सुप्रीम कोर्ट भौतिक और आभासी दोनों मोड में काम कर रही है, जिससे वकीलों और वादियों को कहीं से भी इसके सामने पेश होने में सक्षम बनाया जा सके।

 

27 सितंबर को पारदर्शिता और पहुंच की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार YouTube पर वेबकास्ट और Video Streaming के माध्यम से एक साथ तीन संविधान पीठों की कार्यवाही को लाइव स्ट्रीम (Live Stream) किया था, जिसे 8 लाख से अधिक दर्शकों ने देखा था।

 

नीरव मोदी मामले में ED-CBI को निर्देश

 

सुप्रीम कोर्ट ने CBI और ED को एक सप्ताह के भीतर एकसाथ बैठकर पैसे के लेन-देन के संबंध में सामग्री साझा करने और भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के बहनोई मैनक मेहता द्वारा किए गए खुलासे के संबंध में सामग्री साझा करने के लिए कहा है।

 

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) और न्यायमूर्ति हेमा कोहली (Hema Kohli) की पीठ ने मैनक मेहता को बैंक खातों पर जो भी प्रासंगिक जानकारी है, उसे CBI के साथ साझा करने के लिए भी कहा। बॉम्बे हाईकोर्ट के 23 अगस्त के आदेश को चुनौती देने वाली CBI की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने मेहता को हांगकांग की यात्रा करने और तीन महीने तक वहां रहने की अनुमति दी थी।

 

भारत के Solicitor General ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि आज से एक सप्ताह की अवधि के भीतर (i) CBI और (ii) प्रवर्तन निदेशालय (ED) के जांच अधिकारियों के बीच एक संयुक्त बैठक आयोजित की जाती है, तो भारत संघ को कोई आपत्ति नहीं होगी।

 

तेलंगाना हाईकोर्ट का आदेश रद्द

 

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तेलंगाना हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें सेवा मामले से जुड़े एक अवमानना मामले में वरिष्ठ IAS अधिकारी पी के त्रिपाठी, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) के पूर्व सचिव की व्यक्तिगत उपस्थिति की मांग की गई थी। तेलंगाना हाईकोर्ट ने तत्कालीन जम्मू-कश्मीर कैडर के 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी त्रिपाठी को 21 अक्टूबर को अपने समक्ष तलब किया है।

 

मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित (Uday Umesh Lalit ) और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी (Bela M. Trivedi) की पीठ ने DOPT की ओर से पेश Solicitor General तुषार मेहता की दलीलों पर ध्यान दिया कि संबंधित अधिकारी के खिलाफ कोई व्यक्तिगत आरोप नहीं था और इसके अलावा विभाग ने हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन किया था। मामला तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के सम्मानित या पदोन्नत IAS अधिकारियों की वरिष्ठता को समायोजित करने से संबंधित है।

 

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