.

हेडकॉन्स्टेबल के ट्रांसफर का DGP को अधिकार नहीं: पुलिस स्थापना बोर्ड के बिना स्थानांतरण वैध नहीं, हाईकोर्ट ने निरस्त किया आदेश | ऑनलाइन बुलेटिन

बिलासपुर | [कोर्ट बुलेटिन] | DGP की ओर से जारी हेडकॉन्स्टेबल के ट्रांसफर आदेश को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने निरस्त किया है। इस आदेश के साथ ही जस्टिस पी.सैम कोशी ने कहा है कि पुलिस स्थापना बोर्ड के अनुमोदन के बिना कोई भी ट्रांसफर आदेश वैध नहीं माना जा सकता।

 

कांकेर जिले के काउंटर टेरेरिज्म एंड जंगल वॉरफेयर (CTJW) में चैतू टंडन, डमरूधर राठिया, कौशलपति मिश्रा, रामकुमार आदिल, संतोष कुमार, असगर अली अंसारी, सतीश परिहार, सुभाष पांडेय, विमलेश यादव व अन्य प्रधान आरक्षक के पद पर कार्यरत हैं।

 

पुलिस महानिदेशक ने उनका स्थानान्तरण छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के दूसरे बटालियन में कर दिया। ट्रांसफर आदेश को चुनौती देते हुए उन्होंने अधिवक्ता मतीन सिद्धिकी, नरेंद्र मेहेर और घनश्याम कश्यप के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

 

याचिका में बताया गया कि याचिकाकर्ता प्रशिक्षु आरक्षकों को नक्सल क्षेत्रों में जंगलवार प्रशिक्षण देते हैं और उन्हें नक्सलियों से मुठभेड़ होने पर लड़ने के साथ ही उन पर काबू पाने की युद्धकला सिखाते हैं। याचिका की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए 27 अक्टूबर 2021 को हाईकोर्ट ने ट्रांसफर आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य शासन से जवाब मांगा था।

 

शासन ने कहा- बटालियन में पुलिस रूल्स रेगुलेशन लागू नहीं होता

 

इस याचिका पर राज्य शासन की ओर से तर्क दिया गया कि याचिकाकर्ता विशेष सशस्त्र बल के जवान हैं। उनकी सेवाएं छत्तीसगढ़ विशेष सशस्त्र बल अधिनियम 1968 और छत्तीसगढ़ विशेष सशस्त्र बल नियम 1973 से शासित होते हैं। ऐसे में उन पर छत्तीसगढ़ पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 22 ( 2 ) ( क ) का प्रावधान लागू नहीं होता। इस अधिनियम के तहत पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण स्थापना बोर्ड के अनुमोदन से ही किया जा सकता है।

CG BREAKING पटवारियों की 8 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल आज से...दफ्तर में काम होंगे ठप...
READ

 

हाईकोर्ट ने माना- स्थापना बोर्ड के अनुमोदन से हो सकता है तबादला

 

याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि पुलिस महानिदेशक ने उनका ट्रांसफर ऑर्डर जारी किया है। जबकि पुलिस स्थापना बोर्ड से अनुमोदन नहीं कराया गया। सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस पी सैम कोशी ने माना है कि ट्रांसफर के लिए स्थापना बोर्ड का अनुमोदन आवश्यक है। लिहाजा, कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के स्थानांतरण आदेश को निरस्त कर दिया है।

 

 

Related Articles

Back to top button