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दिल से…

©पद्म मुख पंडा 

परिचय- सेवानिवृत्त अधिकारी छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक, रायगढ़, छत्तीसगढ़


 

निश्चल, अटल, धैर्यपूर्वक हूं, अडिग, राह पर हुआ खड़ा।

निरख रहा हूं, वस्तुस्थिति, कृतसंकल्पित, ध्येय

बड़ा।

मुझे मिटाने को, तत्पर हैं, वैचारिक मतभेद लिए,

सैद्धांतिक स्तर पर, जिनके साथ, सदा ही रहा

अड़ा।

धर्म जाति समुदाय, नहीं अब, प्रासंगिक हित साधन के,

स्वार्थ परायण, लोगों ने है, निहित स्वार्थ हित,

इसे जड़ा।

हम मानें, यह जग कुटुम्ब है, हम सब एक डाल के पंछी,

फिर से सभी एक हो जाएं, बस जाए घर जो

उजड़ा।

 

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