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रिश्वत लेने के मामले में जेल प्रहरी दंडित, विशेष न्यायाधीश ने 4 वर्ष की सजा सुनाई, 10 हजार जुर्माना भी लगाया | ऑनलाइन बुलेटिन

कोरबा | [कोर्ट बुलेटिन] | सरकारी नौकरी से परिवार चलाने और अच्छी खासी बचत के बावजूद जरूरत से ज्यादा धन कमाने की पिपासा में एक जेल प्रहरी को कोर्ट ने 4 वर्ष की सजा सुनाई है। धोखाधड़ी के मामले में बंद एक आरोपी को बेहतर सुविधा देने के लिए उसने परिवार से 10 हजार रुपए ऐंठ लिए थे। मामले की शिकायत होने पर कार्रवाई की गई।

 

वर्दी में नजर आ रहा यह व्यक्ति हैं धिरेंद्र परिहार, जिसे स्पेशल कोर्ट एंटी करप्शन के द्वारा 10 हजार के जुर्माने और 4 वर्ष की सजा से दंडित किया गया है। परिहार की पोस्टिंग कोरबा जिले के उपजेल कटघोरा में प्रहरी के रूप में थी। वहां पर शंकर लाल रजक धोखाधड़ी के मामले में निरुद्ध है।

खबर के मुताबिक उसे परेशान नहीं करने और अच्छी सुविधा देने के बदले प्रहरी ने 50,000 रुपए की मांग की थी। बाद में 10000 लेने के चक्कर में वह एंटी करप्शन की टीम के हाथों पकड़ लिया गया। उक्तानुसार उसे दंडित किया गया है।

 

कोर्ट के द्वारा दंडित किए जाने के साथ जेल प्रहरी परिहार की सरकारी सेवा पर आगे के लिए ग्रहण लग गया है। छत्तीसगढ़ में सरकार बार-बार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की बात कर रही है लेकिन इन सब के बावजूद विभिन्न क्षेत्रों में आए दिन भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसा लगता है कि सरकारी क्षेत्र में पैसों की भूख कुछ ज्यादा ही बढ़ी हुई है।

 

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