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अनावश्यक विचारों का बोझ | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

©पूनम सुलाने-सिंगल

परिचय- श्रीनगर से….


 

“ऊँचाई चढ़ते समय

अगर हाथ में एक लकड़ी हो

तो वह सहारा बन जाती है।

वहीं पर अगर,, वह लकड़ियाँ हो

तो वह बोझ बन जाती है।”

 

जिंदगी के सफर में हमारी जिंदगी को सही ढंग से जीने के लिए हमें अच्छे विचारों का सहारा लेना पड़ता है।

 

इसीलिए हम सबके जीवन में विचारों का महत्व बहुत ज्यादा है। कहते भी है,, मनुष्य अपने विचारों से निर्मित प्राणी है, हम जो सोचते हैं वही बनते हैं, यह बात जानकर भी कही बार हमारे अपने ही विचारों पर हमारा नियंत्रण नहीं रहता।

 

हर सेकंड हर मिनिट मन में विचार आते रहते है उसमें हर प्रकार के विचार होते हैं, अगर हमारे मन में उठने वाले विचारों की तरंग सकारात्मक हो,, तो उसकी झलक हमारे चेहरे पर नजर आती है वहीं अगर हमारे मन में नकारात्मक विचार चल रहे हो तो,,उसका असर भी हमारे चेहरे पर दिखाई देता है। इसका मतलब विचार का असर न केवल हमारे मन पर पड़ता है बल्कि हमारे पूरे शरीर पर भी पड़ता है जो कुछ भी हम अपने मन में सोच रहे हैं,,वह हमारे चेहरे से झलक ही जाता है चाहे वह खुशी हो चाहे दुःख हमारे आस पास के लोग उसे आसानी से समझ जाते हैं।

 

वैज्ञानिकों के संशोधन द्वारा वैज्ञानिकों ने भी यही साबित कर दिया है कि, दुनिया में जितनी भी बीमारी है उसमें से कहीं अधिक बीमारियां मनुष्य के विचारों से ही निर्मित हुई है।

 

ऐसे यह विचार जो हमारे पूरे जीवन को ही प्रभावित करते है वो आखिर क्यों नहीं हमारे नियंत्रण में होते हैं…?

 

आखिर न चाह कर भी हमारे मन में क्यों इतने ज्यादा विचार उत्पन्न होते हैं…?

 

मन में विचारों का आना एक जीवित व्यक्ति का लक्षण होता है, क्योंकि मनुष्य एक विचारशील प्राणी है मगर यही विचार हमारे नियंत्रण से बाहर जाने की सबसे बड़ी वजह आज यह बन गई है कि, आज हम सब के पास जरूरत से ज्यादा जानकारी उपलब्ध होने लगी है…

 

एक समय था जब पड़ोस के गांव में भी कुछ घटित होता तो वर्षों बीत जाते उस बात को पता लगने में आसपास के गाँव के लोगों को, मगर आज के समय में अगर विश्व के किसी कोने में छोटी सी कोई बात भी हो रही हो,,तो हर किसी को पता चल जाता है और जिस तरह जो घटना हम सुनते हैं या देखते हैं उससे जुड़े हुए विचार हमारे मन में आना शुरू हो जाते हैं ठीक उसी तरह विश्व के किसी भी कोने में घटित हुई घटना से हमारा कोई लेना-देना ना होकर भी हम उस पर घंटों तक विचार करते रहते हैं।

 

ठीक इसी तरह आपस के रिश्तो में भी पुराने जमाने में लोग बहुत दिनों के बाद मिलते और एक दूसरे का हालचाल पूछते तो रिश्तो में एक मिठास बनी रहती वहीं पर आज के जमाने में हर घंटे और मिनट की खबरें एक दूसरे को मिलती रहती है और जब जरूरत से ज्यादा खबरें मिलती है तो उन पर विचार करना भी शुरू हो जाता है।

 

क्योंकि जितनी ज्यादा बातें होगी उतना ही ज्यादा उन बातों पर सोचना भी होगा और अगर इसी बात को लेकर हमारे द्वारा किया गया विचार सकारात्मक हो तो कोई बात नहीं वही पर अगर उसी बात को लेकर नकारात्मक विचार मन में चलने लगे तो वही विचार हमारे लिए बोझ बन जाता है इसीलिए,,आवश्यकता से अधिक किसी भी बात को लेकर जानकारी होना हमारे विचारों के बोझ को बढ़ाता है और यही कारण है जिस एक विचार के कारण हमारी जिंदगी आसान और सही बन सकती है उसी जगह अनेकों विचारों के कारण कई बार जिंदगी भी बोझ लगने लग जाती है।

 

इसलिए,,जिंदगी जीने के लिए

एक अच्छे विचार की जरूरत हमें है

या फिर अनावश्यक विचारों के बोझ को

लेकर चलते रहने की,, इस बात पर अवश्य विचार कीजिएगा….!!!

 

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