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चीता प्रेम | ऑनलाइन बुलेटिन

©तिलक तनौदी ‘स्वच्छंद’

परिचय- जांजगीर-चाम्पा, रायगढ़, छत्तीसगढ़


 

 

ख़तरे में देखो गायें,

मुझे न समझ आए,

चीता को खरीद आज,

भारत में लाया है।

 

लंपी से है परेशान,

खोज रही है निदान,

बिपत की घड़ी आज,

पल-पल आयी है।

 

चीता पर प्रेम भारी,

गाय पड़ी दुखियारी,

लोगों ने ये बड़ी बात,

क्यों? कैसे पचाया है?

 

मर्ज़-ए-इश्क | ऑनलाइन बुलेटिन

 


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