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यहाँ सरकार बदल जाती है | ऑनलाइन बुलेटिन

©भरत मल्होत्रा

परिचय- मुंबई, महाराष्ट्र


 

 

होकर हालात का शिकार बदल जाती है

नीयत का क्या है बार-बार बदल जाती है

 

 

करती है वादे सारी ज़िंदगी के ये दुनिया

चलके साथ कदम दो-चार बदल जाती है

 

 

पहले तो बनाती है आशना हमें अपना

धीरे-धीरे छीन कर करार बदल जाती है

 

 

बुझने से पहले दिया जलता है और तेज़

मंज़िल करीब आते ही रफ्तार बदल जाती है

 

 

सबको मिलता है मौका हमको लूटने का

हर पाँच साल में यहाँ सरकार बदल जाती है …

 

 

ज़िम्मेदारी | ऑनलाइन बुलेटिन

 

 


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