राष्ट्र की है वो शान | ऑनलाइन बुलेटिन

©गायकवाड विलास
परिचय- लातूर, महाराष्ट्र
(हायकू काव्य रचना)
हिन्दी हमारी,
राष्ट्रभाषा सुरीली
गीतों की बोली।
हिन्दी हमारी,
महकता चन्दन
मनभावन।
हिन्दी हमारी,
मधूरता से भरी
सबसे प्यारी।
हिन्दी हमारी,
राष्ट्र का अलंकार
गुंजता शोर।
हिन्दी हमारे,
राष्ट्र की पहचान
अनोखी शान।
हिन्दी हमारी,
गीतों का है श्रृंगार
बहती धार।
हिन्दी हमारे,
वतन की है शान
बढ़ाएं मान।