हिंदी भाषी है हम | ऑनलाइन बुलेटिन
©अमिता मिश्रा
परिचय- बिलासपुर, छत्तीसगढ़
हिंदी भाषी होने पर हमें गर्व होना चाहिए।
हर दिन हिंदी को सम्मान मिलना चाहिए।
हिंदुस्तान की शान यही है, हम सब की पहचान यही है।
फिर भी क्यों उपेक्षित सी हरदम लगती है हिंदी।
मन मे मिठास लिए, सरलता का भाव लिए है हिंदी।
अ अनाड़ी से ज्ञ ज्ञानी बनाती है हमको हिंदी।
रस, छंद, अलंकारों से सुसज्जित है हमारी हिंदी।
फिर भी हिंदी बोले जाने पर क्यों उपहास के पात्र है हिंदी।
अंग्रेजी को आगे कर क्यों इसका मान घटाते हो।
अंग्रेजी आती है हमकों कहकर इतराते हो।
गुलामी का एहसास है अंग्रेजी क्यों इसके गुलाम बन जाते हो।
हिंदी माँ की ममता को तुम क्यों ठुकराते हो।
हिंदुस्तानी है हम हिंदी हमारी माता है।
कुछ और ना आता हो हमकों पर प्यार निभाना आता है।
है हिंदुस्तान से प्यार अगर तो हिंदी से भी प्रेम करों।
थाम कर साहित्य कलम अंग्रेजी पर वार करों।
बच्चों का भी कर्तव्य यही है की, माँ को अधिकार मिले।
अपने ही घर में हिंदी माँ को सम्पूर्ण सम्मान मिले।
आन बान और शान से कहो हिंदी भाषी है हम।
क्योंकि हिंदी और हिंदुस्तान से है हम।
वन्दे मातरम