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Online सट्टेबाजी ऐप ने की 5000 करोड़ की ठगी, ‘महादेव’ ऐप फ्रॉड की अब ED करेगी जांच | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

रायपुर | [छत्तीसगढ़ बुलेटिन] | प्रदेश से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने महादेव online गेमिंग एप्लिकेशन के बैंकिंग लेनदेन की जांच शुरू की है। जांच में जो सामने आया है उससे ED (प्रवर्तन निदेशालय) खुद हैरान है। इस गेमिंग ऐप के बैंक खाते से पिछले एक साल में कुल 5000 करोड़ रुपए की लेनदेन की गई है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस मामले में पिछले 3 महीनों में 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। महादेव online गेमिंग एप्लिकेशन से सट्टेबाजी की जाती थी।

 

पुलिस ने बताया कि मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि पिछले एक साल में देशभर में online महादेव ऐप के जरिए 5 हजार करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ है। इसका संचालन छत्तीसगढ़ से हो रहा था। पुलिस ने बताया कि इसको 30 सेंटर से संचालित किया जा रहा था। हर सेंटर से करीब 200 करोड़ रुपए का लेनदेन किया गया है।

 

जांच अधिकारियों ने यह अनुमान लगाया है कि पिछले साल लगभग 10 लाख लोगों ने महादेव online गेमिंग ऐप पर सट्टा लगाया। ये सट्टा 1,000 रुपए से लेकर 5,000 रुपए तक के होते थे। महादेव ऐप को संचालित कर रहे लोगों ने गरीब लोगों के खाते उधार पर लिए। उसी में फ्रॉड किए पैसों को जमा करते गए। जी हां, गरीब लोगों का आधार कार्ड लेकर महादेव ऐप के संचालक फेक खाता खुलवाते थे। इसके बदले में गरीब लोगों को 5 हजार रुपए दिए जाते थे।

 

पुलिस ने बताया कि इस मामले में जांच के दौरान कुल 10,000 बैंक खातों की जानकारी सामने आई है। ये सभी बैंक खाते सेविंग खाते हैं। साथ ही जांच में 50 कॉर्पोरेट खाते भी सामने आए हैं। महादेव ऐप के संचालक सेविंग खातों से फ्रॉड किए पैसों को कॉर्पोरेट खाते में भेज दिया करते थे।

 

पुलिस ने बताया कि इस ठगी को दुबई से ऑपरेट किया जा रहा था। यानी मुख्य सरगना दुबई में है। दुबई में सट्टेबाजी बैन है। दुबई में बैठ कर भारत के हजारों मिडिल क्लास लोगों को ठगा गया। ED (प्रवर्तन निदेशालय) इस मामले की जांच कर रही है।

 

ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने इस मामले में 9 दिसंबर को दुर्ग पुलिस को एक पत्र लिखा था। पत्र में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत जांच के लिए बैंकिंग लेनदेन सहित सुपेला पुलिस स्टेशन के SHO से मामले की जानकारी मांगी गई थी। ED के मुताबिक, online गेमिंग एप्लिकेशन से जुड़े ज्यादातर मामले सुपेला थाने में दर्ज हैं।

 

ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने दुर्ग पुलिस को लिखे लेटर में उन बैंक खातों की जानकारी मांगी है जो जांच के दौरान संदेह के घेरे में आए हैं। साथ ही एफआईआर की कॉपी भी ED ने मांगी है। दुर्ग पुलिस के एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि ED 50 से अधिक बैंक खातों की जांच करेगी।

 

ये सभी कॉर्पोरेट खाते online गेमिंग ऐप से जुड़े हुए हैं। पुलिस ने बताया कि ये कॉर्पोरेट खाते शेल कंपनियों से जुड़े हुए हैं। इन खातों से फ्रॉड किए पैसे विदेश भेजे जाते थे।

 

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