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राजीव गांधी हत्याकांडः रिहाई के बाद नलिनी श्रीहरन ने की प्रियंका गांधी की तारीफ, बोली- वह एक ऐंजल जैसी हैं, बताया जेल में मुलाकात का किस्सा | ऑनलाइन बुलेटिन

नई दिल्ली | [नेशनल बुलेटिन] | पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में दोषी नलिनी श्रीहरन ने रिहा होने के बाद कई हैरान करने वाली बातें बताईं। उन्होंने प्रियंका गांधी को बहुत दयालु और पर  बताया। उन्होंने कहा कि उन्हें 7 बार फांसी देने की वॉरंट जारी किया गया था। वहीं नलिनी श्रीहरन ने वेल्लोर जेल में प्रियंका गांधी से हुई मुलाकात का भी जिक्र किया। नलिनी श्रीहरन ने प्रियंका गांधी के तारीफों के पुल बांध दिए।

 

नलिनी श्रीहरन ने कहा, प्रियंका गांधी बहुत ही दयालु हैं। वह एक ऐंजल जैसी हैं। नलिनी श्रीहरन ने कहा, जेल में हमारे साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता था, लेकिन प्रियंका गांधी ने पूरा सम्मान दिया।

 

नलिनी श्रीहरन से मिलकर रोने लगी थीं प्रियंका गांधी

 

नलिनी श्रीहरन ने कहा, जेल में अधिकारियों के सामने हमें बैठने की अनुमति नहीं थी। लेकिन जब प्रियंका गांधी मिलने आईं तो उन्होंने मुझे अपने बगल में ही बैठाया। यह मेरे लिए अलग ही अनुभव था। उन्होंने आगे बताया, प्रियंका गांधी ने मुझसे पिता की हत्या के बारे में सवाल किया। वह बहुत ही भावुक थीं। वह इस दौरान रोने भी लगीं।

 

एनडीटीवी से बात करते हुए नलिनी श्रीहरन ने कहा, प्रियंका गांधी से जो बातें हुईं उनको सार्वजनिक तौर पर नहीं बताया जा सकता। वे उनके निजी विचार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार के लिए उन्हें बहुत दुख है। गांधी परिवार से मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, ओहहह…नो प्लीज।

 

नलिनी श्रीहरन का दावा, हत्या में नहीं थी भूमिका

 

नलिनी श्रीहरन ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बारे में बताया कि उनका इससे कोई लेना देना नहीं था। उन्होंने कहा कि हत्या में जो लोग शामिल थे उनकी दोस्ती पति के साथ थी। नलिनी ने दावा किया कि उन लोगों से जान पहचान होने की वजह से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें इस हत्याकांड में भूमिका होने पर कोई पछतावा है। इसपर नलिनी श्रीहरन ने कहा, वास्तव में मेरी कोई भूमिका थी ही नहीं; लेकिन जो कुछ हुआ उसका उन्हें दुख है।

 

नलिनी श्रीहरन ने कहा, वे लोग मेरे पति के दोस्त थे। इसीलिए उनसे मेरी जान-पहचान थी। मैं बहुत ही रिजर्व रहती थी। मैं उनसे कभी बात नहीं करती थी। उन्हें जब किसी चीज की जरूरत होती थी तो मैं मदद भी करती थी। मैं उनके साथ मंदिर, बाजार या थिएटर भी चली जाया करती थी। हालांकि उनके परिवार के बारे में भी ज्यादा जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा 2001 में उनकी मौत की सजा टाल दी गई। इससे पहले 7 बार उन्हें फांसी देने की तैयारी की गई थी।

 

जेल में ही पैदा हुई थी बेटी

 

नलिनी श्रीहरन ने बताया कि उनकी बेटी लंदन में डॉक्टर है। 1992 में जेल में ही उसका जन्म हुआ था और फिर 2 साल में वह मां से अलग हो गई। 2019 में उसकी शादी हुई। उस दौरान नलिनी श्रीहरन को एक महीने का परोल मिला था और शादी समारोह में वह भी शामिल हुई थीं।

 

उन्होंने कहा, वह तो मुझे पूरी तरह भूल चुकी है। मैंने ही उसे जन्म दिया लेकिन 2 साल में ही उससे बिछड़ना पड़ा। बाहर आने के बाद उसे याद ही नहीं रहा कि मैं उसकी कौन हूं। अब हम कोशिश कर रहे हैं कि फिर से अपनी यादें ताजा करें।

 

बता दें कि नलिनी श्रीहरन को 1991 में हुए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के मामले में सजा दी गई थी। एक जनसभा के दौरान आत्मघाती हमले में उनकी हत्या हुई थी। इसी मामले में नलिनी श्रीहरन को दोषी करार दिया गया था और मौत की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया।

 

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