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साहित्यिक पटल पर Online किया गया शब्दोपहार संकलन का विमोचन | Onlinebulletin.in

#Onlinebulletin.in | #Onlinebulletin | साहित्यिक पटल के नियमित रचनाकारों में से चयनित किसी एक रचनाकार की रचनाओं का संकलन शब्दोपहार के छठवें अंक का विमोचन वरिष्ठ कवि, साहित्यकार, चिन्तक एवं मशहूर शायर तथा ग़ज़लकार रईश सिद्दीकी के कर कमलों द्वारा प्रभात बेला में 28.11.2021 को संपन्न हुआ। यह संकलन रचनाकार दिनेश विकल की सुन्दर और सारगर्भित रचनाओं से सुसज्जित है।

 

विमोचन का प्रारम्भ करते हुए रईश ने जहां संकलन के आवरण से लेकर पृष्ठ भाग तक की सामग्री पर विस्तार से प्रकाश डाला और पत्रिका की गुणवत्ता की सराहना किया, वहीं संपादक मंडल का भी मनोबल बढ़ाया और दिनेश विकल को उनकी उत्तम रचनाओं के लिए साधुवाद देते हुए रचनाओं पर अपने संक्षिप्त विचार भी प्रकट किए।

 

नव साहित्य की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बिजनौर की उर्वर धरती ने जहाँ कई नामी गिरामी संपादक दिये हैं वहीं पर यह पटल जिस तीव्र गति से अपनी छाप छोड़ते हुए आगे बढ़ रहा है, उससे साफ जाहिर है कि अमित कुमार और हंसराज सिंह का अद्भुत सामंजस्य निश्चित ही अपने हर लक्ष्य को प्राप्त करेगा। महासचिव डा.मोहित कुमार, संरक्षक सुधीर श्रीवास्तव और अन्य सहयोगियों की भी उन्होंने दिल खोलकर प्रसंशा की।

 

विमोचन के अवसर पर संरक्षक सुधीर श्रीवास्तव, संस्थापक एवं संपादक अमित कुमार बिजनौरी, पत्रिका के तकनीकी अधिकारी हंसराज सिंह, महासचिव डा.मोहित कुमार, सलाहकार नरेश द्विवेदी शलभ, बाबा कल्पनेश, सत्य प्रकाश पांडे, प्रो.शरद नारायण खरे, सरोज दुगार, साधना गर्ग, नागेन्द्र नाथ गुप्ता, हर किशोर परिहार, सरिता त्रिपाठी, गिरीश पांडे, कवि दिनेश विकल, आनन्द पाठक अभिनव, बबीता कुमारी, ज्ञानेश्वर आनन्द ज्ञानेश, प्रमोद कुमार धीमन, संजीव दीपक, कुलदीप रुहेला, संदीप खेरा, ओम प्रकाश श्रीवास्तव सहित अनेकों प्रतिष्ठित कवियों, कवयित्रियों एवं साहित्यकारों की उपस्थित ने पटल परिवार की हौसला अफजाई करते हुए उत्साहवर्धन किया।

 

कार्यक्रम के अन्त में तकनीकी अधिकारी हंसराज सिंह ने रईश सिद्दीकी को संकलन का विमोचन कर पटल को गौरवान्वित करने और सम्पादक मण्डल का मनोबल बढ़ा कर उत्साहित करने के लिए हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया साथ ही साथ उपस्थिति समस्त साहित्य मनीषियों का नव साहित्य परिवार भारत की ओर से आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद प्रदान किया और विश्वास दिलाया कि “शब्दोपहार” संकलन के हर अंक के साथ कुछ न कुछ नया करने का प्रयास जारी रहेगा।

 


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