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ब्रिटेन, अमेरिका में कहर ढा रहा स्टील्थ ओमिक्रॉन वैरिएंट, भारत के लिए कितनी चिंता की बात, जानें l ऑनलाइन बुलेटिन

नई दिल्ली | (नेशनल बुलेटिन) | दुनिया भर के कई हिस्सों समेत भारत में कोरोना वायरस के नए केसों में गिरावट का दौर जारी है। इसके चलते उम्मीद की जा रही थी कि जल्दी ही देश को कोरोना संक्रमण से मुक्ति मिल जाएगी लेकिन अब ओमिक्रॉन के स्टील्थ वैरिएंट ने फिर से परेशानी बढ़ा दी है।

 

अमेरिका, ब्रिटेन और चीन में ओमिक्रॉन का यह नया सब वैरिएंट कहर बरपा रहा है। जिसके बाद भारत में भी चिंता बढ़ने लगी है कि कहीं आने वाले दिनों में कोरोना फिर से चिंता का कारण न बन जाए। इससे देश में कोरोना की चौथी लहर की आशंका बढ़ने लगी है।

 

डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) की अधिकारी मारिया वैन केरखोव ने दुनिया के शीर्ष देशों को आगाह किया है कि कोरोना को अभी हल्के में लेना खतरनाक साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन का यह नया सब वैरिएंट स्टील्थ ओमिक्रॉन से भी ज्यादा संक्रामक है। यही वजह है कि कई देशों में कोरोना केसों में बढ़ोत्तरी देखी गई है।

 

यूरोप का क्या है हाल

 

यूरोपीय देशों में कोरोना केसों में यकायक बढ़ोत्तरी देखी गई है। जर्मनी में शुक्रवार को तीन लाख कोरोना केस सामने आए। जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री कार्ल लुटरबेक ने सभी लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने माना कि देश में कोरोना की संक्रमण दर में लगातार बढोत्तरी हो रही है। यही हाल इटली और प्रांस का भी है। इटली में एक दिन में कोरोना के तकरीबन डेढ़ लाख नए केस सामने आए। जबकि फ्रांस में शुक्रवार को एक लाख 10874 नए कोरोना केसों से हड़कंप मच गया।

 

 

यूके में नए वैरिएंट से हाहाकार

 

 

यूनाइडेट किंगडम में भी कोरोना के नए सब वैरिएंट से कोरोना मामलों में काफी बढ़ोत्तरी हो रही है। इस नए वैरिएंट से ब्रिटेन में मचे हाहाकार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले एक सप्ताह में कोरोना के 4.2 मिलियन केस आ चुके हैं। अधिकारियों का मानना है कि स्टील्थ सब वैरिएंट से कोरोना की संक्रमण दर में काफी इजाफा हुआ है।

 

 

अमेरिका में भी कोहराम मचा रहा स्टील्थ

 

 

दुनिया के सबसे तगड़े हेल्थ सिस्टम का दावा करने वाले अमेरिका में भी कोरोना के नए सब वैरिएंट से हाहाकार मचा है। इस वक्त अमेरिका में रोजाना औसतन 28600 कोरोना के केस सामने आ रहे हैं। हालांकि ये पिछली लहर की तुलना में उतना ज्यादा नहीं है। पिछले वर्ष अमेरिका में कोरोना के औसतन 80 हजार नए केस सामने आए थे। लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों कोरोना के इन नए आंकड़ों को भी गंभीरता से ले रहे हैं।

 

 

चीन में भी कोरोना की मार

 

 

भारत के पड़ोसी देश चीन में भी कोरोना के नए वैरिएंट से हाहाकार है। चीनी प्रशासन ने कई शहरों में लॉकडाउन की घोषणा की है। इस वक्त 26 मिलियन की आबादी वाला शंघाई शहर देश का सबसे बड़ा कोरोना हॉटस्पॉट बना हुआ है। लेकिन प्रशासन ने शहर में लॉकडाउन नहीं लगाया है। शंघाई में कोरोना के मामले पिछले तीन दिनों में तेजी से बढ़े हैं। गुरुवार को 1,609 से बढ़कर शुक्रवार को 2,267 तक पहुंचे। कई पाबंदियों के बाद भी शनिवार को शहर में कोरोना के 2676 नए मामले सामने आए। वैश्विक शिपिंग हब के रूप में शंघाई की भूमिका को देखते हुए अधिकारियों ने शहर पर संपूर्ण लॉकडाउन लगाने से इनकार कर दिया है। चीन प्रशासन का कहना है कि ऐसा करने से वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है। हालांकि, जनता के लिए कुछ आवश्यक प्रतिबंध जरूर लगाए गए हैं।

 

 

भारत की क्या है स्थिति

 

 

इन सबके बीच भारत में कोरोना की मौजूदा स्थिति पर नजर डालें तो थोड़ी राहत है। इस वक्त देश में कोरोना के एक्टिव केस 16187 हैं। भारत में रिकवरी रेट 98.75 पहुंच गया है। पिछले कुछ माह से देश में कोरोना के अधिक केस नहीं देखे गए।

 

 

भारत के स्वास्थ्य एक्सपर्ट्स का कहना है कि डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ओमिक्रॉन का असर देश में कम देखा गया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि ओमिक्रॉन के नए सब वैरिएंट स्टील्थ का भी देश में उतना असर नहीं देखने को मिलेगा। हालांकि फिर भी स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी नागरिकों से मास्क पहनने और दो गज की दूरी बनाए रखने का फिर आह्वान किया है। मंत्रालय का कहना है कि अभी कोरोना संकट टला नहीं है और कोरोना से बचाव के तरीकों का इस्तेमाल जारी रखें।


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