.

चंद्रयान-3 का हिस्सा बनीं सुनीता खोखर वाल्मीकि ने सरकारी स्कूल से की पढ़ाई, ऐसा रहा ISRO तक का सफर, पढ़ें | Chandrayaan-3

Chandrayaan-3 : नई दिल्ली | [नेशनल बुलेटिन] | India had dreamed of landing on the moon and for this Chandrayaan-3 was launched for the moon which has successfully landed. With the successful flight of Chandrayaan 3, the whole country is proud of the scientists of ISRO. On the other hand, Chandrayaan-3 is also a matter of pride and pride for Didwana in Rajasthan, because Didwana’s name has also been associated with this mission. This has happened because Sunita Khokhar Valmiki, a Dalit daughter of Didwana, by being a part of Chandrayaan-3, has brought laurels not only to the entire state but also to the society.

 

ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन : भारत ने चांद पर उतरने का सपना देखा था और बीते दिनों इसके लिए चंद्रयान-3 को चांद के लिए प्रक्षेपित किया गया जो सफलता पूर्वक लैंड कर चुका है. चंद्रयान 3 की सफल उड़ान से पूरे देश को इसरो के वैज्ञानिकों पर गर्व है. वहीं राजस्थान के डीडवाना के लिए भी चंद्रयान-3 गर्व और गौरव का विषय है, क्योंकि इस मिशन से डीडवाना का नाम भी जुड़ गया है. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि डीडवाना की दलित बेटी सुनीता खोखर वाल्मीकि ने चंद्रयान-3 का हिस्सा बनकर पूरे प्रदेश ही नहीं अपितु समाज का भी मान बढ़ाया है.(Chandrayaan-3)

 

चंद्रयान 3 के जरिए भारत चांद पर उस जगह जाना चाहता है, जहां आज तक कोई देश नहीं जा पाया. देश के सपने, गौरव और विश्वास को साथ लेकर चंद्रयान 14 जुलाई को चंद्रमा के लिए रवाना होने वाला यान चांद पर सफल लैंडिंग कर चुका है. इस मिशन के लिए इसरो की टीम ने बड़ी मेहनत से काम किया है. इस टीम का हिस्सा रही है डीडवाना क्षेत्र के गांव डाकीपुरा निवासी सुनीता खोखर वाल्मीकि.(Chandrayaan-3)

 

सुनीता खोखर वाल्मीकि का अहम योगदान

 

चंद्रयान-3 में उपयोग हो रहे सेंसर को बनाने में सुनीता खोखर का विशेष योगदान रहा है. सेंसर का मुख्य कार्य चंद्रयान की गति और ऊंचाई बताने का है. इसकी सारी एक्टिविटी को लेकर प्रोग्राम बनते हैं, वह सेंसर के माध्यम से ही बनते हैं और उसी से ही सारी सूचनाएं इसरो के वैज्ञानिकों को प्राप्त होती है. आपको बता दें कि सुनीता खोखर वाल्मीकि का जन्म डीडवाना उपखंड के ग्राम डाकीपुरा में 20 जुलाई 1993 को हुआ था.(Chandrayaan-3)

 

सुनीता के माता-पिता साधारण परिवार से हैं और दोनों ही किसान हैं और अपने गांव में ही खेती बाड़ी का काम करते हैं. सुनीता ने कक्षा 1 से लेकर आठवीं तक अपने गांव के ही सरकारी स्कूल में पढ़ाई की थी. इसके बाद उसने गांव से निकलकर उच्च शिक्षा हासिल की. इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने इसरो में जाने की तैयारी की. (Chandrayaan-3)

 

पहले साल उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन दूसरी बार ज्यादा मेहनत कर वह इसरो में जाने में सफल हुई. फिर 2 मई 2017 को अहमदाबाद अंतरिक्ष उपयोग केंद्र में ज्वॉइन किया और चंद्रयान-3 मिशन का हिस्सा बनकर डीडवाना का मान बढ़ाया है.(Chandrayaan-3)

 

 

🔥 सोशल मीडिया

 

फेसबुक पेज में जुड़ने के लिए क्लिक करें

https://www.facebook.com/onlinebulletindotin

Chandrayaan-3

व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें

https://chat.whatsapp.com/Cj1zs5ocireHsUffFGTSld

 

ONLINE bulletin dot in में प्रतिदिन सरकारी नौकरी, सरकारी योजनाएं, परीक्षा पाठ्यक्रम, समय सारिणी, परीक्षा परिणाम, सम-सामयिक विषयों और कई अन्य के लिए onlinebulletin.in का अनुसरण करते रहें.

 

🔥 अगर आपका कोई भाई, दोस्त या रिलेटिव ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन में प्रकाशित किए जाने वाले सरकारी भर्तियों के लिए एलिजिबल है तो उन तक onlinebulletin.in को जरूर पहुंचाएं।

 

ये खबर भी पढ़ें:

ये लोग अच्छे नहीं हैं…

 


Back to top button