टेडी – Teddy l ऑनलाइन बुलेटिन
©नीलोफ़र फ़ारूक़ी तौसीफ़, मुंबई
टेडी से लड़कियों को प्यार होता है।
ख़ुशी और ग़म का इज़हार होता है।
तन्हाई में टेडी को गले लगाती है ,
अनकही बातें भी उससे कह जाती हैं।
ख़ामोशी जब दर्द बनकर उभर आए,
आँसू भी उसके काँधे पे ही बहाए।
ज़ोर से भींच लेती है उसे बाँहों में,
टेडी से बेहतर कोई नहीं उसकी राहों में।
बचपन से जवानी तक का हसीन सफ़र।
गुज़रता है सिर्फ़ टेडी के नूर नज़र।