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धमनियों में रुकावट का खतरा बढ़ सकता है

अमेरिकी शोधकर्ताओं ने पाया है कि जरूरत से ज्यादा प्रोटीन  खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं है, बल्कि इससे धमनियों में रुकावट का खतरा बढ़ सकता है। इस रुकावट को एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं। शोध में पाया गया कि रोजाना ली जाने वाली कैलोरी में से 22 फीसदी से ज्यादा प्रोटीन लेना शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देता है, जो धमनियों में प्लाक जमने का कारण बनता है। इससे धमनियां सख्त और अकड़ जाती हैं।

शोधकर्ताओं ने पाया कि खासतौर पर ल्यूसीन नामक अमीनो एसिड धमनियों को नुकसान पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाता है। ल्यूसीन अक्सर मांस, अंडे और दूध जैसे व्युत्पन्न (जिसकी उत्पत्ति ज्ञात हो) खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। पिछले अध्ययनों से भी संकेत मिल चुके थे कि ज्यादा प्रोटीन खाना सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। 2020 में किए गए एक शोध में भी पाया गया था कि ज्यादा प्रोटीन खाने से चूहों में धमनियों में रुकावट का खतरा बढ़ जाता है।

ज्यादा प्रोटीन बना सकता है ब्लॉकेज
अब नए शोध में यही बात इंसानों पर भी लागू होती है ये जानने की कोशिश की गई। शोधकतार्ओं ने पाया कि स्वस्थ लोगों को जब ज्यादा प्रोटीन वाला आहार दिया गया तो उनके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता की कोशिकाएं ज्यादा सक्रिय हो गईं। ये कोशिकाएं धमनियों की सफाई करती हैं, लेकिन ज्यादा सक्रिय होने पर ये कोशिकाएं खुद ही जमकर धमनियों को नुकसान पहुंचाती हैं।

शोधकर्ताओं का मानना है कि अस्पतालों में मरीजों को अक्सर मांसपेशियां मजबूत करने के लिए ज्यादा प्रोटीन  वाला आहार दिया जाता है, लेकिन ये शोध बताता है कि ऐसा करना सही नहीं है। इसकी बजाय संतुलित आहार  देना चाहिए, जिससे हृदय और धमनियों को कोई नुकसान न पहुंचे।


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