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The Land of Buddha : बुद्ध ही वह शिक्षक, शास्ता, गुरू है जिसने जापान को संवारा, सजाया और ख़ुशहाल बनाया….

The Land of Buddha
डॉ. एम एल परिहार

©डॉ. एम एल परिहार

परिचय- जयपुर, राजस्थान.


The Land of Buddha :

 

 

बुद्ध ही वह शिक्षक, शास्ता, गुरू है जिसने जापान को संवारा, सजाया और ख़ुशहाल बनाया.

 

प्रो. बेसिल हॉल ने अपनी किताब ‘जापानी जीवन’ (Things Japanese) में लिखा है – शताब्दियों तक सारी शिक्षा और चिकित्सा पद्धतियाँ बुद्ध धम्म के आचार्यों व भिक्षुओं द्वारा ही संचालित होती रही. गरीबों तथा बीमारों की देखभाल भी उन्हीं के द्वारा होती रही. बुद्ध धम्म ने कला, शिक्षा और चिकित्सा पद्धतियो से परिचय कराया और विकास किया. धम्म ने जापान के ग्रामीण जनजीवन को सँवारा, साहित्य व लोक संस्कृति को जन्म दिया. बुद्ध की शिक्षाओं ने जापान की राजनीतिक, सामाजिक तथा मानसिक जीवन के हर पहलू पर गहरा असर डाला. (The Land of Buddha)

 

एक शब्द में कहा जाए तो बुद्ध धम्म ही वह गुरू, शिक्षक,शास्ता  है जिसके साये में जापानी मानव समाज ने सुख समृद्धि की ऊंचाइयों को छुआ.

 

जापानी सभ्यता पर बुद्ध धम्म का जो प्रभाव पड़ा वह बहुत गहरा, गंभीर और असीम था. इसी कारण राजकीय धम्म का सम्मान मिला. इसने ग़रीब से लेकर ऊँचे वर्ग को प्रभावित किया. जापान के सम्राटों, राजकुमारों को भिक्षु बना दिया और उनकी राजकुमारियों को भिक्षुणियां. बुद्ध धम्म धीरे धीरे शासकों और न्यायाधीशों के आचरण का फ़ैसला करता था. इसने जापान में मानवीय भावना, करुणा और मैत्री का नया संदेश दिया. जापानी समाज को वैज्ञानिक सोच, शील सदाचार का जीवन देकर सभ्य बनाया. कला, शिल्प,चित्रकला मूर्तिकला को सिखाया, छापेखाने दिये. थोड़े में कहना हो तो इसने हर वह कला, विज्ञान और उद्योग सिखाया जो जीवन को आकर्षण प्रदान करता है. (The Land of Buddha)

 

बुद्ध धम्म की शिक्षा के अधीन पहली बार जापान में हुआ.

 

इस देश का सबसे बड़ा उपकार बुद्ध धम्म नये किया, वह विज्ञान,चिकित्सा और शिक्षा के माध्यम से किया. इसने सभी को शिक्षा का समान अवसर प्रदान किया. केवल धम्म की शिक्षा ही नहीं बल्कि कला, ज्ञान,विज्ञान की भी. (The Land of Buddha)

 

आगे चलकर बुद्ध विहारों ने सामान्य विद्यालयों का रूप ले लिया या विद्यालय उन बौद्ध विहारों के साथ संबंधित रहे. धीरे धीरे पूरे देश की शिक्षण व्यवस्था बौद्ध अनुयायियों के हाथ में आ गई और उनका वैज्ञानिक, सामाजिक और नैतिक विकास ऊंचाइयों तक पहुँचा. शुरू में सामान्य लोगों के लिए सभी जगह बौद्ध भिक्षु ही अध्यापक थे.

 

आज जापानी समाज में जो कुछ भी सुंदरता, सुगंध, आकर्षण है इसका अधिकांश भाग बुद्ध धम्म की ही देन हैं. जितनी भी नफ़ासत है. विनम्रता है, सभ्यता, विज्ञान और विकास की जितनी ख़ुशबू है,सुख शांति है उसका स्रोत बुद्ध धम्म ही हैं. (The Land of Buddha)

 

दरअसल 520 ई. में कोरिया से बुद्ध धम्म जापान पहुँचा तब तक तक जापान भी संस्कृति, सभ्यता और विकास से कोसों दूर क़बीलाई देश था.

 

किसी समाज और देश में सुख शांति और ख़ुशहाली तभी आ सकती है जब हर व्यक्ति शील सदाचार का जीवन जिए. हर व्यक्ति मन और शरीर से स्वस्थ हो. क्रोध, लोभ, मोह, घृणा, अहंकार से दूर हो. इसके साथ ही वह प्रेम,करूणा ,मैत्री भाव से भरा हुआ हो. ..और ये सब गुण आज भी जापानी समाज में लबालब भरे हुए हैं, जिन्हें बुद्ध की शिक्षाओं से ग्रहण कर अपने आचरण में उतारा. (The Land of Buddha)

 

भगवान बुद्ध के धम्म ने जापान को जो गौरव दिया है उसके प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए जापान बुद्धभूमि भारत को नमन करता है.

 

सबका मंगल हो…सभी प्राणी सुखी हो  (The Land of Buddha)

 

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