दिल फेंक आशिकों से | newsforum
©प्रीति बौद्ध, फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश
परिचय- एमए, बीएड, समाज सेविका, प्रकाशन- विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचना प्रकाशित, सम्मान- C .F. M . Writers Asociation Asqnol Best Bangal.
मोहब्बत बदनाम हो चुकी है ,
दिल फेंक आशिकों से l
चेहरे होते हैं तेजाबी ,
दिल फेंक आशिकों से l
आशिकी में रेप हो जाते हैं ,
दिल फेंक आशिकों से l
मार दी जाती हैं बेटियां ,
दिल फेंक आशिकों से l
फब्तियां कसीं जातीं हैं ,
दिल फेंक आशिकों से l
नजरबंद हुए जाते हैं ,
दिल फेंक आशिकों से l
चौराहे गलियां तंग हैं ,
दिल फेंक आशिकों से ।
बेरहमी भी लाचार है ,
दिल फेंक आशिकों से ।
बू आती है नफरत की ,
दिल फेंक आशिकों से ।
दिलजले नहीं घृणित नजारे हैं ,
दिल फेंक आशिकों से ।
वफादार होते हैं जानवर,
दिल फेंक आशिकों से ।
बेशर्मी भी शरमा गई ,
दिल फेंक आशिकों से ।
न सजाओ ख्वाब दिल में,
दिल फेंक आशिकों से ।