हिन्दी से छल | ऑनलाइन बुलेटिन
©मजीदबेग मुगल “शहज़ाद”
परिचय- वर्धा, महाराष्ट्र
सत्ता में आनेवाले अंग्रेजी के गुन ग्राही हैं।
यही हिन्दी के दुश्मन अंग्रेजी के भाई हैं।।
हिन्दी में देश का राष्ट्रगीत अब बंगाली में।
हिन्दी को राष्ट्र भाषा कहे कायदे से खाली है।।
संसद का कारोबार अंग्रेजी में हिन्दी में कहा।
भारत का संविधान अंग्रेजी में हिन्दी में कहा।।
हिन्दी का गुणगान करने वाले अंग्रेजी को चाहें।
अंग्रेज तो चले गये ये लोग कहां से आये ।।
रोजी रोटी से जुड़े सारे काम अंग्रेजी में ।
शिक्षा का महत्त्व बड़ा दिया माध्यम अंग्रेजी में।।
रिक्शा वाला भी बच्चा कान्वेंट में भेजे ।
जनता घबरा गई अब खराब हो गये भेजे ।।
देश के कई राज्य अंग्रेजी के भक्त बने हैं।
हिन्दी के विरोधी झेन्डे अब उनके तने है ।।
हिन्दी मयी राज्य संख्या में लगते बहुत कम है।
अंग्रेजी के साम्राज्य को हटाये किस में दम है ।।
देश की आज़ादी कायम रख्खे हिन्दी अपनाये।
स्वाभिमान रहेगा कायम हिन्दी के गीत गाये ।।
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