रिश्ता और प्यार | ऑनलाइन बुलेटिन
©इंदु रवि
परिचय– गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश
जब तक रिश्ते में प्यार है
रिश्ता खूबसूरत है ।
जिसमें विश्वास और सम्मान है
वही अराध्य की मूरत है ।
निष्ठा और प्रेम रहित संबंध
होता खूब बदसूरत है ।
रिश्ते में छल नहीं चाहिए
परीक्षा पल-पल नहीं चाहिए
कोई रिश्ता किसी से ना भी हो
तो मानवीय रिश्ता बना लेना ।
दुनिया लगेगी खूबसूरत
सभी से में प्रेमपूर्ण व्यवहार करना ।
मानव होकर लोग मानव से डरते हैं ।
क्यों अमानवीयता अपना
भेद-भाव,
जातीय दंभ रखते हैं ।
क्या उनके लिए मानव
होना सर्वश्रेष्ठ नहीं है ।
मानवता रखना कार्य
सर्वोत्तम नहीं है ।
जो स्वयं और समाज में
जातीय श्रेष्ठता
का दंभ भरते हैं ।
तुम कहते हो इस जाति
उस जाति, फलाने जाती,ढिकाने जाति…
अरे मूढ़ तुम में से ये
रूढ़ी जाति न कभी जाति है ।
न विद्वता तुम में कभी आती है ।
तुम गर्व करो और कहो
मानव जाति ही सर्वश्रेष्ठ जाति ।
मानवता सर्वोत्तम धर्म ।
मानव-मानव में हीन
भाव ना उत्पन्न कर ।
देश को सुख – समृद्धि से
संपन्न कर ।
मत करो देश का अपकर्ष ।
मानवीय विभेद से
देश हो रहा है नर्क ।
अपने मनुष्यता
का परिचय देकर ,
ज्ञान-विज्ञान के साथ
विवेक से करो तर्क ।।
प्रेम से रहो सभी,
शांति मिलेगी तभी
ऊंच – नीच की सोच
ना रखो कभी ।
सभी प्रकृति के
हैं सर्वोत्तम धन ।
हरा-भरा रख उपवन ।