.

आपके पास-पड़ोस, रिश्तेदारों के रूप में तो नहीं हैं जोंबी, जानिए aapake paas-pados, rishtedaaron ke roop mein to nahin hain jombee, jaanie

मेरे आस-पास मेरे दोस्त के रुप में पड़ोसियों के रूप में,

रिश्तेदारों के रूप में जोंबी अक्सर मुझ से टकरा जाते हैं।

 

जब यह जोंबी मुझसे बात करते हैं और अपने जोंबी होने का

एहसास कराते हैं तो मैं घबरा जाता हूं।

भीतर से डर जाता हूं।

इन जोंबियों को पहचानना कठिन नहीं है।

 

यह शाकाहार का दावा करने वाले जोंबी

दरअसल मांसाहारी होते हैं।

आदमखोर।

एक पूरी कौम को खत्म करने के लिए आमादा।

 

यह मीठी-मीठी बातें करते हैं और

धीरे से कहते हैं कि वहां गोकशी होती है।

भूल जाते हैं कि वेदों में गोकशी का जिक्र है।

 

वह पूरी बस्ती को हिंदू बस्ती बनाने का दावा करते हैं,

लेकिन उन्हीं से छुआछूत बरतते हैं।

फिर मस्जिद,

गिरजा घर को निशाना बनाते हैं।

 

यह कई दंगों,

कत्लेआमों के लिए जिम्मेदार हैं,

लेकिन फिर भी दावा करते हैं कि

यह शाकाहार हैं।

 

अखलाक की लिंचिंग इन्होंने ही की है और

इंस्पेक्टर सुबोध सिंह को भी इन्होंने ही मारा है।

 

एक बार जो जोंबी बन गए हैं

वह नहीं स्वीकार करते हैं कि वे जोंबी है।

क्योंकि जिस दिन वे स्वीकार कर लेंगे,

उस दिन इंसान बन जाएंगे।

 

यह जोंबी इकट्ठा होकर

किसी का भी

नरसंहार कर सकते हैं।

 

सोशल मीडिया में हिंदू-मुस्लिम वाले पोस्ट डालते हैं।

दंगा करने के लिए प्रेरित करते हैं।

खुद भी दंगा कर सकते हैं।

 

इनको संविधान से नफरत है,

समता समानता से नफरत है,

नफरत है इंसानियत से,

नफरत है भाईचारा से,

नफरत है स्त्रियों की स्वतंत्रता से,

नफरत है वंचितों की सुविधाओं से,

यह जोंबी हैं

इनका काम सिर्फ नफरत फैलाना है।

इंसानों के खून से अपने आप को रंगना।

 

जोंबी का अपना खुद का दिमाग नहीं होता

यह किसी खास खूनी साजिश के शिकार होते हैं।

 

 

 

प्रतिकात्मक चित्र

 

You don’t have zombies in the form of neighbors, relatives, know

 

 

Around me as my friends, as neighbors,
As relatives, zombies often bump into me.

 

When these zombies talk to me and pretend to be zombies
When I realize it, I get scared.
I am scared inside.
Recognizing these zombies is not difficult.

 

These zombies who claim to be vegetarian
Actually they are carnivores.
Man eater.
Willing to destroy an entire community.

 

He talks sweetly and
Slowly they say that there is cow slaughter.
Forgetting that cow slaughter is mentioned in the Vedas.

 

He claims to make the entire settlement a Hindu settlement,
But they are untouchable by them.
Then the mosque
Churches target the house.

This many riots,
responsible for the massacres,
but still claim that
These are vegetarians.

He has done the lynching of Akhlaq and
They have also killed Inspector Subodh Singh.

 

who once became a zombie
He does not accept that he is a zombie.
Because the day they will accept,
He will become a human on that day.

this zombie gathered
anyone’s
can commit massacre.

Hindu-Muslims post posts on social media.
inspire a riot.
You can riot yourself.

They hate the constitution

 

Equality hate equality,
Hate humanity
hate brotherhood,
Hate women’s freedom,
Hate the facilities of the underprivileged,
it’s zombie
Their job is only to spread hatred.
To paint oneself with human blood.

zombies don’t have a mind of their own
They are victims of some special bloody conspiracy.

 

 

 

संजीव खुदशाह

©संजीव खुदशाह              Sanjeev Khudshah

परिचय– रायपुर, छत्तीसगढ़

लेखक देश में चोटी के दलित लेखकों में शुमार किए जाते हैं और प्रगतिशील विचारक, कवि, कथाकार, समीक्षक, आलोचक एवं पत्रकार के रूप में भी जाने जाते हैं। “सफाई कामगार समुदाय” एवं “आधुनिक भारत में पिछड़ा वर्ग”, “दलित चेतना और कुछ जरुरी सवाल” आपकी चर्चित कृतियों में शामिल है। आपकी किताबों का मराठी, पंजाबी, ओडिया सहित अन्य भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।

लेखक परिचय :- जन्म 12 फरवरी 1973 को बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में हुआ। शिक्षा एमए, एलएलबी। आप देश में चोटी के दलित लेखकों में शुमार किए जाते हैं और प्रगतिशील विचारक, कवि, कथाकार, समीक्षक, आलोचक एवं पत्रकार के रूप में भी जाने जाते हैं। आपकी रचनाएं देश की लगभग सभी अग्रणी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकीं हैं। “सफाई कामगार समुदाय” एवं “आधुनिक भारत में पिछड़ा वर्ग”, “दलित चेतना और कुछ जरुरी सवाल” आपकी चर्चित कृतियों में शामिल है। आपकी किताबों का मराठी, पंजाबी, ओडिया सहित अन्य भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। आपकी पहचान मिमिक्री कलाकार और नाट्यकर्मी के रूप में भी स्थापित है। छत्तीसगढ़ हिन्दी साहित्य सम्मेलन से निबंध विधा के लिए पुर्ननवा पुरस्कार सहित आप कई पुरस्‍कार एवं सम्मान से सम्मानित किए जा चुके हैं।

E-mail- sanjeevkhudshah@gmail.com

 


Back to top button