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न्यूयॉर्क में एक और भारतीय छात्र की मौत

न्यूयॉर्क

अमेरिकी विश्वविद्यालय में नामांकित एक और भारतीय छात्र की मौत हो गई है। न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
वाणिज्य दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "ओहायो के क्लीवलैंड में एक भारतीय छात्र श्री उमा सत्य साईं गड्डे के दुर्भाग्यपूर्ण निधन से गहरा दुःख हुआ।"

पोस्ट में बताया गया है कि पुलिस जांच जारी है और शव को भारत भेजने के प्रयास किये जा रहे हैं। दूतावास ने कहा कि वह भारत में परिवार के साथ संपर्क में है।
पोस्ट में कहा गया है, "श्री उमा गड्डे के पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द भारत पहुंचाने सहित हरसंभव सहायता दी जा रही है।"हाल के सप्ताहों में अमेरिका में भारत और भारतीय मूल के छात्रों की मौत की घटनाएं बढ़ी हैं। इससे भारत और भारतीय अमेरिकी समुदाय में चिंता बढ़ गई है।

भारत के महावाणिज्य दूतावास ने आश्वासन दिया है कि शव को भारत ले जाने की सुविधा सहित हर संभव सहायता परिवार को प्रदान की जा रही है. दूतावास ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और वह भारत में परिवार के साथ संपर्क में है. हरसंभव सहायता की जा रही है जिसमें छात्र का शव जल्द से जल्द भारत भेजना भी शामिल है.

गौरतलब है कि 2024 की शुरुआत से अब तक अमेरिका में नौ भारतीय और भारतीय मूल के छात्रों की मौतें हो चुकी हैं और ये 10वां मामला है.

पिछले महीने यानी मार्च में अमेरिका में 20 वर्षीय भारतीय छात्र अभिजीत पारुचुरू की हत्या कर दी गई थी, जो आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के बुर्रिपालेम का निवासी था. अभिजीत बोस्टन विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था. छात्र के परिवार के मुताबिक 11 मार्च को विश्वविद्यालय परिसर में अज्ञात शख्स द्वारा उसकी हत्या कर दी गई और उसके शव को एक कार में जंगल में छोड़ दिया गया. एक दोस्त द्वारा शिकायत किए जाने पर अधिकारियों द्वारा उसके मोबाइल के सिग्नल को फॉलो करते हुए पुलिस को छात्र का शव मिला.

इससे साल पर्ड्यू विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले भारतीय मूल के छात्र नील आचार्य भी मृत पाए गए थे. भारतीय छात्र श्रेयस रेड्डी की भी हत्या की गई थी. अमेरिका के जॉर्जिया में रहने वाले विवेक सैनी भी मृत पाए गए थे.

इन घटनाओं ने संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने वाले 300,000 से अधिक भारतीय मूल के छात्रों की चिंतित किया है. इन घटनाओं के कारण भारतीय समुदाय के छात्रों के सामने कई चुनौतियां सामने आ रही हैं. उन्हें मानसिक तनाव, अकेलापन जैसी चीज़ों में धकेल रहा है. विशेषज्ञों ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए जागरूकता और सहायता प्रणालियों में वृद्धि की आवश्यकता पर जोर दिया है.


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