चमगादड़ों की गुफाओं की जांच से डर रहा चीन, WHO की मांग किया खारिज l Onlinebulletin
नई दिल्ली l दुनियाभर में कोरोना संक्रमण, कहां से फैला इसका पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम चीन में चमगादड़ों की गुफाओं और पशुपालन के लिए बने फार्मों की जांच करना चाहती है लेकिन ड्रैगन ने इस प्रस्ताव को हर बार की तरह खारिज कर दिया है, जिसके बाद एक बार फिर से उसकी भूमिक संदिग्ध मालूम पड़ रही है।
इसी साल, अगस्त माह में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को बताया था कि कोरोना वायरस को बायोलॉजिकल हथियार नहीं था बल्कि संभवतः यह लैब से लीक हुआ या फिर नेचुरल ट्रांसमिशन था। हालांकि, चीन लगातार इस दावे को खारिज करता रहा है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति उसके देश में हुई।
‘वॉशिंगटन पोस्ट’ की नई रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि कोरोना महामारी की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एन्शी नाम की जगह का दौरा करने का प्रस्ताव दिया था। यह जगह वुहान से छह घंटे की दूरी पर है, जिसे कोरोना महामारी का एपिकसेंटर माना जाता है लेकिन चीन ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब चीन ने कोरोना उत्पत्ति के लिए प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय जांचों में रोड़ा अटकाया हो। इसी साल विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम चीन में जांच के लिए पहुंची थी लेकिन उस दौरान भी टीम के सदस्यों की गतिविधियों को सीमित रखा गया था। आखिर में टीम ने निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए और अधिक जांच की जरूरत बताई थी।
वुहान के एनिमल फार्म उस समय चर्चा में आए, जब यहां से जानवरों को कानून के खिलाफ जाकर वुहान के बाजार ले जाकर बेचा जा रहा था। वैज्ञानिकों का मानना है कि संभवतः इन जानवरों की वजह से भी वायरस चमगादड़ से इंसानों तक पहुंचा।
चीन की स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिसंबर 2019 में चीन की सरकार द्वारा सार्वजनिक तौर पर कोरोना संक्रमण पाए जाने की पुष्टि के महज आठ दिन पहले ही एन्शी के वेट मार्केटों में जिंदा जानवरों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई गई थी। मार्च 2020 तक एन्शी के छह वेट मार्केट बंद हो चुके थे। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि ये मार्केट इतनी जल्दी कैसे बंद कर दिए गए।