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कोरोना महामारी | Newsforum

©प्रीति बौद्ध, फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश

परिचय– एमए, बीएड, समाज सेविका, प्रकाशन- विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचना प्रकाशित, सम्मान- C .F. M . Writers Asociation Asqnol Best Bangal.


 

है संकटकाल कोरोना महामारी का,

विकराल, असाध्य रूप बीमारी का।

अटल धैर्य रहे हर मानस में,

बचाओ जान चर्चा है, जनमानस में।

 

महामारी ने सर्वस्व लूटा है,

चहुँओर हर शख्स टूटा है।

निगली हैं जानें कई असमय,

चहुंओर कोरोना का प्रलय है।

 

भरा है नेताओं में चुनावी जोश,

बढ़ रहा है जनता में आक्रोश।

लॉकडाउन क्यों नहीं चुनाव है जहाँ,

रैली और भाषणों का क्यों मंच है वहाँ।

 

हैं जलती लाशें श्मशानों में,

लगी कतारें अस्पतालों में।

कोरोना ने कमर है तोड़ी ,

स्वच्छंद जीने की आस है छोड़ी।

तेरा प्यार कहीं न पाया माँ…
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