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बेटी है अनमोल | ऑनलाइन बुलेटिन

©अरुणा अग्रवाल

परिचय- लोरमी, मुंगेली, छत्तीसगढ़.


 

बेटी है सर्वथा, सराहनीय, अनमोल

लिये नानाविध विशेषता, है मृणाल

नैतिकता, आध्यात्म से ओतप्रोत,

कर्मठता, अनुशासन की मिसाल।।

 

इतिहास भी साक्ष्य, लिये उदाहरण

कितनी चंचल, मस्तानी, समर्पितता

घर संसार, भाई, बहन, माता, पिता,

सबका रखे समूचित ध्यान समन।।

 

बेटा गर एक कुल का भूषण,

बेटी है दोनों कुल, पिता, पति,

के लिऐ मोहन, खुशनुमा-लली,

बेटी देती निःस्वार्थ सेवा महान।।

 

बेटी रखती नहीं ईर्ष्या, द्वेष-भाव,

धर्मपरायणता में रखती संज्ञान,

आय, व्यय का अटकल, मनन,

परिवार का सर्वोपरि है कल्याणी।।

 

जब तक बाबुल के घर, रहती,

उसका मान, सम्मान खूब, करती

ससुराल में हर सदस्य, के सुमन,

अपनी ओज-तेज से दो कुल संवारती।।

 

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