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क्या आपको भी लगता है कि ये चीज़ पहले भी हो चुकी है ? जाने क्या होता है देजा वू, ये है इसके पीछे का कारण… | Deja Vu In Hindi Explained

Deja Vu In Hindi Explained : टूल्स | Sometimes it has felt like hey.. this has happened to me before but I am doing this for the first time? How can this happen, maybe I have memories of my past life or I see the future in my dreams. If something like this happens to you too, then there is nothing to worry about. Neither is this a dream-like future, nor are you having some flashback from a past life. This thing is called Deja Vu. In which the person feels that this incident has happened to me earlier also.

 

ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन : कभी-कभी ऐसा महसूस हुआ है कि अरे.. ये तो मेरे साथ पहले भी हो चुका है लेकिन मैं तो ये पहली बार कर रहा हूं? ऐसे कैसे हो सकता है, शायद पिछले जन्म की यादें हैं या फिर मुझे सपने में भविष्य दिखाई देता है। अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ होता है तो इसमें कोई घबराने की बात नहीं है। न तो ये कोई सपने में दिखाई देने वाला भविष्य है और ना ही आपको पिछले जनम का कुछ फ्लैशबैक हो रहा है। इस चीज़ को देजा वू (Deja Vu) कहते हैं. जिसमे शख्स को लगता है कि ये घटना पहले भी मेरे साथ हो चुकी है। (Deja Vu In Hindi Explained)

 

क्या होता है देजा वू (What Is Deja Vu In Hindi)

 

Deja Vu या déjà vu एक फ्रेंच शब्द है जिसका हिंदी में अर्थ होता है ‘पहले से देखा हुआ’ ये एक साइकोलॉजिकल फीलिंग है, जो आपको महसूस कराती है कि आपके साथ पहले भी ऐसा कुछ हो चुका है. जैसे आप पहली बार किसी दूसरे शहर में गए, नए लोगों से मिले और आपको ऐसा लगा, अरे.. यहां लगता है मैं पहले भी आ चुका हूं, इन नए लोगों से पहले भी मिल चुका हूं और उस वक़्त में यही सब हो रहा था जो अभी हो रहा है. असल में यह बहुत स्ट्रांग साइकोलॉजिकल फीलिंग होती है। (Deja Vu In Hindi Explained)

 

ऐसा क्यों लगता है कि ये चीज़ पहले भी हो चुकी है

 

Why does it seem that this thing has happened before: दुनिया में 80% लोगों को देजा वू होता रहता है. और लोग समझ बैठते हैं कि उन्हें ये दृष्य कभी सपने में दिखा होगा, या फिर पिछले जनम में भी उसने साथ ऐसा ही कुछ हुआ होगा।

 

देजा वू क्यों होता है (Why Deja Vu Happens In Hindi)

 

इसके पीछे कई विशेषज्ञों की थ्योरी हैं, लेकिन इसका सीधा जवाब कोई अबतक तलाश नहीं पाया है।

 

थ्योरी नंबर 1

 

मेमोरी थ्योरी:

 

हमारा दिमाग शार्ट टर्म मेमोरी मतलब यादों को एक अलग हिस्से में और जो चीज़ें हम वर्तमान में देखते हैं वो अलग जगह स्टोर होती हैं. मतलब जो पहले हो चुका है उसका डेटा कहीं और सेव है. जब इसमें थोड़ा गड़बड़ी हो जाती है तो शार्ट टर्म मेमोरी, लॉन्ग टर्म मेमोरी से टकराने लगती है. (Deja Vu In Hindi Explained)

 

थ्योरी नंबर 2

 

3D होलोग्राम थ्योरी:

 

इसके अनुसार हमारे दिमाग में हमारी यादें 3D होलोग्राम की तरह सेव होती हैं. अगर कोई वस्तु, स्थान, व्यक्ति, म्यूसिक, वीडियो या कोई भी चीज़ उस घटना की याद दिलाते हुए आपस में टकरा जाती है तो ऐसा लगता है कि यह घटना पहले भी हो चुकि है – (Deja Vu In Hindi Explained)

 

थ्योरी नंबर 3

 

ड्रीम थ्योरी:

 

इसके हिसाब से हम जो सपने में देखते हैं जो कभी कभी हमारा दिमाग असली मेमोरी की तरह सेव कर लेता है. ऐसा बचपन में ज़्यादा होता है. बच्चे अक्सर कुछ काल्पनिक घटना को खुद के साथ घटित होने की बात कहते हैं और लोग सपना होगा.. बोलकर टाल देते हैं. हमे लगने लगता है कि सपने में दिखी चीज़ हमारे साथ असली में हुई है. (Deja Vu In Hindi Explained)

 

थ्योरी नंबर 4

 

मैट्रिक्स थ्योरी:

 

इसे आप सिम्युलेशन कह सकते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि हम असल ब्रम्हांड में नहीं जीते हैं. हम कम्प्यूटर से जुड़े एक ब्रम्हांड में रहते हैं और हम सब, ये दुनिया, पानी, पेड़, समुद्र, जीव सबकुछ एक कम्प्यूटर प्रोग्राम है। जब उन प्रोग्राम में ग्लिच होता है मतलब कोई खराबी आती है तो हमें ऐसा लगता है कि ये पहले भी हमारे साथ हो चुका है. खैर ये मैट्रिक्स फिल्म की स्क्रिप्ट ज्यादा है. (Deja Vu In Hindi Explained)

 

देजा वू के क्या नुकसान हैं? (What are the disadvantages of deja vu)

 

अगर आपको कभी-कभी ऐसा लगता है तो कोई दिक्कत वाली बात नहीं है। इसे आप इग्नोर कर दीजिये। एक्सपर्ट्स कहते हैं जब कोई इंसान ज़्यादा टेंशन और स्ट्रेस में रहता है तो उसके साथ देजा वू सीरीज में होने लगता है. मतलब अक्सर होने लगता है। आप जानते हैं कि कोई चीज़ या किसी व्यक्ति से आप पहली बार मिल रहे हैं लेकिन बार-बार आपको लगे ये पहले भी हो चुका है तो ये दिमाक ख़राब करने वाली बात हो जाती है। (Deja Vu In Hindi Explained)

 

स्ट्रेस और देजा वू (Stress and deja vu)

 

देजा वू क्यों होता है ये बताने के लिए कई थ्योरी हैं और बड़े-बड़े मनोवैज्ञानिकों ने कई किताबे लिखी हैं. लेकिन आज तक कोई ये सिद्ध नहीं कर पाया है कि फला-फला चीज़ होने के कारण ही Deja Vu होता है। लेकिन एक बात पक्की है कि जब आप स्ट्रेस में होते हैं तो Deja Vu होने की संभावना बढ़ जाती है। इसी लिए टेंशन फ्री जीवन जियो। लेकिन ऐसा रोज़ होता है या अक्सर होता है तो किसी मनोचिकित्सक के पास चले जाएं। (Deja Vu In Hindi Explained)

 

क्या देजा वू मनोवैज्ञानिक बीमारी है (Is Deja Vu Psychological Illness)

 

ये कोई बीमारी नहीं है, बस दिमाग में स्टोर मेमोरी के साथ कुछ दिक्कत हो जाती है. इतना मान लीजिये कि हमारा दिमाग कम्प्यूटर का CPU है जिसकी ROM में हमारी यादें सेव रहती हैं. कभी कभी कोई फाइल पुरानी मेमोरी के फोल्डर में ट्रांसफर हो जाती है और हमें लगता है कि ये पहले भी हो चुका है. और अगर आपको इसे बीमारी मानना ही है तो इतना जान लीजिये दुनिया के 80% लोगों को देजा वू होता है या कभी होता था. (Deja Vu In Hindi Explained)

 

 

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