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टिटहरी ने दिए चार अंडे, प्राणी शास्त्र के प्रोफेसर का दावा, होगी अच्छी बारिश : Mansoon 2024

Mansoon 2024 :

 

Mansoon 2024 : ऑनलाइन बुलेटिन डेस्क | मानसून कैसा होगा इसका अनुमान न केवल वैज्ञानिक तरीकों से लगाया जाता है बल्कि परंपरागत रूप से किसान टिटहरी द्वारा दिए गए अंडों की संख्या से भी सटीक अनुमान लगाते हैं। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में प्राणीशास्त्र के प्रोफेसर ने इस संबंध में दो शोध पत्र भी प्रस्तुत किये हैं. बैतूल के जयवंती हक्सर शासकीय महाविद्यालय की छत पर टिटहरी ने चार अंडे दिए हैं। जब प्रोफेसर ने अंडे देखे तो उन्होंने दावा किया कि इस बार अच्छी बारिश होगी। (Mansoon 2024)

 

गुरुवार, 4 अप्रैल 2024 को प्रोफेसर डॉ. सुखदेव डोंगरे ने टिटहरी के चार अंडों का अवलोकन किया। उन्होंने बताया कि टिटहरी को कॉलेज भवन की छत पर अंडों के पास देखा गया था, लेकिन हमारी हलचल के कारण वह अंडों से दूर चला गया। टिटहरी ने चार अंडे दिए हैं जो काले धब्बों के साथ भूरे रंग के हैं। नर और मादा पक्षी लगातार अंडे सेने का काम कर रहे हैं। डॉ. सुखदेव डोंगरे के शोध अध्ययन से पता चलता है कि इस वर्ष 2024 में टिटहरी (सैंड पाइपर) ने वाणिज्य भवन की छत पर चार अंडे दिए हैं।

 

आर.एम. नाइक, पी.वी. जॉर्ज, बी. धुर्वे (1961) मुंबई, मुनकर तेज (1985) पुणे, एस. श्रीधर कारबांकी (1991) केसी त्सांग और वांग लुआन केंग (2007) के अनुसार जिस वर्ष टिटमाउस चार अंडे देती है, उस वर्ष वर्षा अच्छी होती है। वह वर्ष। टिथी पक्षी अक्सर मानसून से पहले जोड़े में दिखाई देते हैं। इनका प्रजनन काल मार्च से अगस्त तक होता है। ये पक्षी एक स्थान से दूसरे स्थान, क्षेत्र और अन्य देशों में प्रवास और प्रजनन करते हैं।(Mansoon 2024)

 

कई देशों में लोग अंडे का उपयोग अस्थमा और टाइफाइड के लिए करते हैं। लोग इन पक्षियों का उपयोग त्वचा और गठिया रोगों के इलाज के लिए भी करते हैं। यह पक्षी 35 से.मी. का होता है। इनके पंख और चोंच लंबे, हल्के भूरे रंग के होते हैं, लेकिन सिर, छाती और गर्दन का अगला भाग काला, किनारे सफेद और आंखें लाल होती हैं। पैर लंबे और पीले रंग के होते हैं, जिसके कारण ये तेज़ दौड़ते हैं।

 

टिटहरी आमतौर पर तुर्की, इराक, अफगानिस्तान, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, बर्मा, श्रीलंका में पाए जाते हैं। नर और मादा पक्षी समान होते हैं, लेकिन नर के पंख माँ की तुलना में 5 प्रतिशत लंबे होते हैं। ये पानी के निकट शुष्क स्थानों में रहते हैं। इनकी उड़ान धीमी होती है, लेकिन गति बहुत तेज होती है।(Mansoon 2024)

 

प्रजनन काल मुख्यतः मार्च से अगस्त तक होता है। नर टिटमाउस अपने पंख फैलाता है और अपनी चोंच ऊपर उठाकर मादा पक्षी के चारों ओर घूमता है। मादा पक्षी तो बहुत होती हैं, लेकिन नर पक्षी मादा पक्षी के पास जाता है, मादा पक्षी सूखी जगह पर अंडे देती है। अंडे भूरे रंग के होते हैं और उन पर काले धब्बे होते हैं। अंडे का वजन 30 से 42 ग्राम होता है। पक्षी पत्थरों के बीच अपना घोंसला बनाते हैं। अंडे सेने के बाद 28 से 30 दिन में चूज़े बाहर आ जाते हैं।

 

इन पक्षियों में प्रजनन 40 प्रतिशत सफल है। अंडे की मृत्यु दर 43 प्रतिशत है। इनके अंडे कौवे, कौवे और चील खा जाते हैं। यह बहुत सतर्क पक्षी है; जब यह किसी जानवर या इंसान को अपने पास आता हुआ देखता है तो तेज आवाज करता है। जैसे ही अंडे से चूज़े निकलते हैं, मातृ पक्षी उनकी देखभाल करते हैं और भोजन की व्यवस्था करते हैं। अंडे सेने के बाद ये पक्षी नहाते हैं। जमीन पर बैठकर आराम करें। कभी-कभी एक पैर पर आराम करें। कीड़े-मकौड़ों, घोंघों के अलावा ये छोटे अकशेरुकी जीव और अनाज भी खाते हैं।(Mansoon 2024)

 

मौसम वैज्ञानिक नहीं मानते, किसानों के लिए बारिश का यही आधार

 

मौसम विज्ञानी इस बात से सहमत नहीं हैं कि जब टिटमाउस चार अंडे देगी तो अच्छी बारिश होगी, लेकिन राजस्थान और बुन्देलखण्ड के किसान इस धारणा को स्वीकार करते हैं। प्राणी वैज्ञानिकों, प्रोफेसरों और शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि यदि टिटहरी चार अंडे देगी तो बहुत अच्छी बारिश होगी।(Mansoon 2024)

 

उनका यह भी मानना ​​है कि मौसम में बदलाव का असर पक्षियों के शरीर पर पड़ता है। इसी आधार पर पक्षी प्रवास करते हैं, प्रजनन करते हैं और अंडे देते हैं। मौसम में बदलाव के कारण पक्षियों के व्यवहार में बदलाव आता है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि टिटहरी ने अप्रैल 2024 में छत पर अपने स्थान पर चार अंडे दिये हैं, अतः 2024 में अच्छी वर्षा होने की पूरी आशा एवं सम्भावना है।

 

दो शोध पत्र सटीक साबित हुए हैं

 

शोधकर्ता डॉ. सुखदेव डोंगरे ने टिटहरी के अंडों पर इसके पहले दो शोध पत्र 2012 और 2022 में प्रस्तुत किए थे। जिसमें 2012 में 61.25 इंच और 2022 में 63.50 इंच बारिश दर्ज की गई थी। टिटहरी मानसून का अग्रदूत है। टिटहरी पक्षी प्रकृति के मातृ संकेतों को समझते हैं और निचले या ऊंचे स्थानों पर अपने अंडे देते हैं। वह कभी 2, कभी 3, कभी 4 अंडे देती है।

 

इसलिए शोधकर्ता के अनुसार 2024 में अच्छी बारिश होने की पूरी उम्मीद और संभावना है। अगर यह शोध पत्र सही साबित होता है तो टिटहरी के चार अंडे देने पर अच्छी बारिश होने की धारणा को वैज्ञानिक आधार भी माना जा सकता है। (Mansoon 2024)

 

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