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ज्योति बा फुले | newsforum

©जबरा राम कंडारा, वरिष्ठ अध्यापक, जालोर, राजस्थान

परिचय : शिक्षा- एमए, बीएड, हिंदी व राजस्थानी भाषा में साहित्य, लेख व कविता का प्रकाशन.


सामाजिक कुरीतियां बनी फजीहतियाँ, नाश की वे नीतियां आप आगे आये थे।

नारी शिक्षा समर्थक दलितों के पथप्रदर्शक समाज सुधारक बनकर छाये थे।।

जनहित परोपकार शोषित का कर उद्धार सबको सोच औ विचार मन भाये थे।।

दीन-हीन असहाय के सहायक ज्योतिराय जागृति जगाय के जग चर्चाये थे।।1।।

 

समानता का स्वर छेड़ भेदभाव को खदेड़ छुआछूत पर तर्क वार तेज किये थे।

दबंग न दबा पाये कैसे वो उन्हें सताये गिरते उठाये और गले लगा लिये थे।।

दलित जाग्रति का शोर शंखनाद हुआ चहुओर पिछड़ों में क्रांति के बीज बो दिये थे।।

एकता पे बल दिया बंद मृत्यु भोज किया समाज सुधार के भाव भरे हिये थे।।2।।


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