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माता-पिता के आदर्श | newsforum

©हरीश पांडल, बिलासपुर, छत्तीसगढ़


 

माता-पिता के

 आदर्शों पर

हमको निरंतर

 चलना है

सामना करके सभी

परेशानियों का

अग्निपथ

 पर चलना है

उनके नाम से हमें

जो पहचान मिला है

उसका मान सदा

ही रखना है

प्रथम पाठशाला

माता-पिता है

उनके आदर्शों को

अपनाओ तुम

जीयो और जीने दो

इस नीति को

अपनाओ तुम

स्वास्थ्य ही जीवन है

(हेल्थ इज वेल्थ)

इस सदाचार को

अपनाओं तुम

क्रोध, व्यसन

व्याभिचार

से मुक्त रहना है

माता-पिता के

आदर्शों पर हमको

आगे बढ़ना है

पूत सपुत तो

का धन संचय ?

पूत कपुत तो

का धन संचय ?

मेरे, माता-पिता

 के सिद्धांत थे

धनवान नहीं

इंसान बने हम

उनके ये

अरमान थे

उनके इस सीख को

ना कभी भूल

जाना तुम

मेरी आने वाली

पीढ़ी भी

इस सिद्धांत को

अपनाना तुम

धनवान भले तुम

मत बनना

नेक इंसान बन

जाना तुम

माता-पिता के

आदर्शों पर

निरंतर बढ़ते

जाना तुम …


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