सच | ऑनलाइन बुलेटिन
©नीरज सिंह कर्दम
परिचय– बुलन्दशहर, उत्तर प्रदेश.
गंगा में बहती हुई
लाशों के साथ
कुत्तों से नुचता रहा सच !
सड़कों पर रोजगार मांगते
युवाओं के साथ
लाठियों से पिटता रहा सच !
अपने घर को पैदल
चल रहे प्रवासियों के पेरों में
पड़े छालों में रोता रहा सच !
देश की हर गली मौहल्लों में
जातिवाद, भेदभाव का
शिकार हो रहा सच !
अदालतों में लंबित
पड़ी फाइलों में
धूल चाट रहा है सच !
सड़कों पर हो रहे
धर्म जाति के दंगों में
लहूलुहान हो रहा है सच !
हाथरस उन्नाव जैसे कांडों में
बेटियों के साथ हुई दरिंदगी में
चीखता चिल्लाता रहा सच !
गरीबों की बस्ती में
भूख से तड़पता हुआ
मर रहा सच!
हर जगह मरता रहा, पिटता रहा सच !
और झूठ, धर्म का चोला पहनकर
सिंहासन पर राज करने बैठ गया ।