.

फाग राग …

©उषा श्रीवास, वत्स

परिचय- बिलासपुर, छत्तीसगढ़.


 

बैरभाव को भगाकर मिल गए दिल से दिल के तार, तन भीगा मन भीगा गोरी का कब से खड़ी करे इंतजार |

 

बाँधते प्यार की डोरी सजा है सुंदर स्वर का तार,

 

तिरछे नैनों से बोले गोरी कभी तो होंगे नैनाचार।

 

रंग लगायें एक दूजे को मारते पिचकारी की धार, वो बरसाने की छोरी ऐसे करती सोच विचार ।

 

फाग राग मन मेरो भाए हम तुम गाएँ सूर मल्हार, चंग बजे तो मन हरषाएं मीठे बोलों की भरमार।

 

प्रीति प्रणय के भाव जगाकर दरश दिखा दे कृष्ण मुरार, मन ही मन मनभावन से बोली आ गया रंगों का त्यौहार।

 

मस्त महीना फागुन का हुआ है आज गुलजार, प्यार की धारा बनेगी होली आज हैं यारा होली का त्यौहार।

 

ये खबर भी पढ़ें:

अग्निवीर बनना है तो 15 मार्च से पहले करें आवेदन, आधा शुल्क भरेगी सेना | Army Recruitment 2023

 

बेटी से ही घर की शान है l ऑनलाइन बुलेटिन
READ

Related Articles

Back to top button