हिंदी मां की ममता जैसी | ऑनलाइन बुलेटिन
©डॉ. कान्ति लाल यादव
परिचय- असिस्टेंट प्रोफेसर, उदयपुर, राजस्थान.
हिंदी मां की ममता जैसी।
हिन्दी मां की लोरी जैसी।
हिंदी सितार की है झंकार।
हिंदी सिखने की है ललकार।
हिंदी आज हरजन की पुकार।
हिंदी भारत मां की धड़कन।
हिंदी पर हम सबको अभिमान।
हिंदी पर हमारा स्वाभिमान।
हिंदी प्यारी राज दुलारी।
हिंदी भाषा जग में न्यारी।
हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की करो तैयारी।
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