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कलमकार का अधूरा सपना | ऑनलाइन बुलेटिन

©कलमकार

परिचय– मेरठ, उत्तरप्रदेश


 

घर की ज़िम्मेदारी से एक कलाकार का सपना अधूरा रह गया!

 

ज़िम्मेदारी आ गयीं जिंदगी मे एक दम से!

शिखर मे वो पहुँचने से रह गया!

घर की ज़िम्मेदारी करता रहा वो!

घर की ज़िम्मेदारी से एक कलाकार का सपना अधूरा रह गया!

परिवार को पहली प्राथमिकता बनायीं उसने!

आगे बढ़ने से लेखन के क्षेत्र मे रह गया!

कर ना सका हालातो के आगे वो!

घर की ज़िम्मेदारी से एक कलाकार का सपना अधूरा रह गया!

बच्चो के लालन -पालन मे लगा रहा वो!

अपनी चिंता करता और लेखन के लिए वक़्त निकालने से वो रह गया!

बच्चो को ही देखा उसने नौकरी करी प्रदेश जाकर!

घर की ज़िम्मेदारी से एक कलाकार का सपना अधूरा रह गया!

था वो उभरता सितारा अपने वक़्त का लेखन मे!

पर वो सितारा अपने प्रशांशको पे राज़ करने से रह गया!

छोड़ना पड़ा लिखना उसे अपने वक़्त मे!

इसलिए घर की ज़िम्मेदारी से एक कलाकार का सपना अधूरा रह गया!


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