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सम्यक कवि सम्मेलन एक कवि दो कविता का आयोजन | ऑनलाइन बुलेटिन

अलीगढ़| [उत्तर प्रदेश बुलेटिन] | सम्यक संस्कृति साहित्य संघ, अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) के तत्वाधान में विशेष ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन एक कवि दो रचना नामक विषय से किया। ऑनलाइन कवि सम्मेलन की अध्यक्षता डॉ. विजेंद्र प्रताप सिंह (अध्यक्ष सम्यक संस्कृति साहित्य संघ, अलीगढ़) द्वारा किया गया जबकि संचालन आर एस आघात ने किया। कार्यक्रम का प्रारंभ शाम 6 बजे किया तथा इसका सफलतापूर्वक समापन 8 बजे एन प्रीति बौद्ध जी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

 

कार्यक्रम की शुरुआत समय सिंह जौल जी की रचना – जाति तू जाती क्यूं नहीं से हुई जिसकी सभी ने भूरि भूरि प्रशंसा की। इसी क्रम में मोहनलाल सोनल मनहंस जी की रचना घुड़चड़ी और हमें दो मौका,मामचंद्र सागर जी की स्वच्छता अभियान, डॉ. विष्णुकांत अशोक जी की बुद्ध की शरण में बुद्धि मिलेगी और रच दियो तूने बाबा एसो संविधान ने सबकी तालियां बटोरी। इंदु रवि को जंग अभी जारी है तथा सामाजिक कार्यकर्ता कौन और एन प्रीति बौद्ध जी की मानसिकता तथा खुद की हुंकार सुनाती हूं ने सबका मन मोहा।

भूपसिंह भारती जी ने मेरे भीमराव ने भारत का संविधान तथा हिंदी भाषा का सम्मान करो,मदनलाल जी ने चिड़िया तथा कुत्ता नामक व्यंगात्मक रचनाएं पेश की। डॉ. शंकर लाल जी ने तुम आओ मन के तार बजे तथा दीप दीपों से जलाने मैं चला हूं नामक गजल और डॉ. संतोष पटेल जी ने रामचंद्र मांझी और यही है देवभूमि, पुष्पा विवेक जी ने औरत कमजोर नहीं है तथा व्यवस्था की धरोहर ,पवन कुमार रवि ने नमन करो बाबा साहब को तथा सबसे प्यारा गांव हमारा रचनाएं सुनाई।

 

अध्यक्षीय भाषण में डॉ. विजेंद्र प्रताप सिंह जी ने एकता में अनेकता रचना सुनाई व सम्यक संस्कृति साहित्य संघ, अलीगढ़ की और से ऐसे कार्यक्रम भविष्य में करते रहने पर जोर दिया। अंत में एन प्रीति बौद्ध जी ने सम्यक संस्कृति साहित्य संघ, अलीगढ़ की और से धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। सभी उपस्थित कवियों, लेखकों ने सम्यक संस्कृति साहित्य संघ, अलीगढ़ के इस कार्यक्रम प्रशंसा की।

 

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