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महादेव / शिव शंकर | ऑनलाइन बुलेटिन

©नीलोफ़र फ़ारूक़ी तौसीफ़

परिचय– मुंबई, आईटी सॉफ्टवेयर इंजीनियर.


 

 

देवों में देव, तीनों लोक के त्रिदेव।

शंकर, नीलकंठ, रुद्र या महादेव।

तंत्र साधना में भैरव इनका नाम,

हाथों में डमरू, त्रिशूल लिए देव।

 

कैलाश पर्वत में शिव जी का वास,

शक्ति सर्व रूप, मन में है विश्वास।

सौम्य आकृति, रौद्र रुप विख्यात,

रावण, शनि, कश्यप भक्तों की आस।

 

संपूर्ण ब्रहांड , शिव महाकाल।

अन्याय हो ब्रहांड पे लाए भूचाल,

सतयुग या कलयुग,ललाट पे ज्योत,

महामृत्युंजय मंत्र बदल दे हाल।

 

सर्प लपेटे बैठे विषधर कर सम्मान।

दुनिया बचाने हेतु किया विष पान।

लोभ, छल कर दे तू त्याग,

शिवरात्रि की पूजा, मिले भगवान।


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