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सूर्यवंशी राम…

©अशोक कुमार यादव (शिक्षक)

परिचय- मुंगेली, छत्तीसगढ़.


 

चतुर्भुज गोविन्द के अवतारी, लीलाधारी घनश्याम।

दशरथ नंदन, रघुकुल भूषण, मर्यादा पुरुषोत्तम राम।।

सूर्यवंश के प्रतापी अधिपति, त्रेतायुग के पुरुष विराट।

प्रजाओं के परम पूजनीय, आदर्श देव महान सम्राट।।

गुरु वशिष्ठ के प्रिय शिष्य, धनुर्विद्या में अति प्रवीण।

करुणानिधान, दयालु, जन मन कीर्ति किया उत्कीर्ण।।

दीन-हीन, पतितों के अभिरक्षक, रणबांकुरा, रणधीर।

दानव और राक्षस संहारक, सर्व शक्तिमान, शूरवीर।।

माता-पिता वचन अनुगामी, प्रिया के प्रति समर्पण धर्म।

भ्राता के प्रति स्नेहिल व्यवहार, न्याय संगत, राज कर्म।।

मित्र के प्रति सहयोग भावना, मृदुभाषी, सरल व्यक्तित्व।

लोकमंगल, जनकल्याण, खुशहाल, समृद्ध था प्रभुत्व।।

रामराज्य में अंगीय, अगत्या, पार्थिव तापों से थी मुक्ति।

किंचित मृत्यु, व्याधि व्यथा की थी प्रभावजनक युक्ति।।

सर्वजन निरोग, विद्वान, शिक्षित, गुणी, विवेकी, कृतज्ञ थे।

हिन्दू संस्कृति के सर्वोत्कृष्ट शासक प्रभु राघव बहुज्ञ थे।।

 

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